कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत परीक्षाएं टाली जाए..डॉ.अखिलेश वर्मा



रामनगर/बाराबंकी - देशभर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने सेमेस्टर परीक्षाएं रद्द कराए जाने की मांग की है।बताते चले रामनगर पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश कुमार वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना विस्फोट हो चुका है। अनगिनत लोग इसकी चपेट में हैं। बीमारी के अनुपात में लोग जाँच नहीं करा रहे हैं। तमाम छात्र-छात्राएं और शिक्षक भी संक्रमित होकर बीमारी से लड़ रहे हैं। इसे मद्देनजर रखते हुए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह से परीक्षाओं को टालने की मांग की है। 

ऑक्टा के महामंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और अध्यक्ष डॉ. विजय प्रताप सिंह ने कुलपति को संबोधित पत्र में महामारी के तीव्र संक्रामक दर और भयावहता को दृष्टिगत रखते हुए 20 जनवरी से घोषित स्नातक प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग की है। प्रेषित पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के सभी जनपदों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ गया है। परीक्षा में लाखों परीक्षार्थियों को निश्चित स्थान पर कक्षों में जुटकर परीक्षा देनी होगी, जिससे यह खतरा और बढ़ जाएगा। यह भी कहा गया है कि कुछ विश्वविद्यालयों ने अपनी परीक्षाओं को महामारी के कारण स्थगित भी कर दिया गया है।  

यह सर्वथा उचित अपील है। जिस तरह देश भर में लाखों लोग संक्रमण का शिकार हुए हैं। पिछली लहर में पंचायत निर्वाचन और चुनाव रैलियों ने इनमें खूब इजाफा किया था। हजारों-लाखों लोगों की हुई दुःखद मौतों ने भय का वातावरण उत्पन्न कर दिया था। टीकाकरण ने मृत्यु दर में कमी की है पर इस तरह भीड़ इकट्ठा होने से स्थितियां विषम हो सकती है।   

ऑक्टा के महामंत्री से जब इस बाबत संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि कई शिक्षक साथी संक्रमित हो गए हैं। उनके द्वारा इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री उमानाथ जी से भी दूरभाष पर वार्ता हुई है। उम्मीद है कि जनहित में विश्वविद्यालय अपने अधिसूचित परीक्षा कार्यक्रम को स्थगित करेगा, जिससे लोगों की अनमोल ज़िंदगियाँ बचाने में मदद मिलेगी। महामंत्री जितेन्द्र सिंह ने यह भी बताया कि उप्र शासन पहले ही इसी संकट को ध्यान में रखकर कक्षाओं को स्थगित कर रखा है, तथा ऑनलाइन कक्षाएँ सुचारु रूप से चलाई जा रही हैं।