पद्म पुरस्कार से सम्मानित तीन विशिष्ट विद्वानों का 31 को अभिनंदन



-विशिष्ट विद्वानों के अभिनंदन और सम्मान से जीवन पुण्यों से अभिसिंचीत होता है : प्रो. हरेराम त्रिपाठी

वाराणसी - पद्म पुरस्कार से नवाजे गये काशी के तीन विशिष्ट विद्वानों का सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 31 जनवरी को सम्मान होगा। इसको लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने गुरुवार को बैठक की। बैठक में तय हुआ कि पद्मभूषण से सम्मानित न्याय शास्त्र के पूर्व आचार्य एवं पूर्व प्रतिकुलपति, राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, विवि के संगीत विभाग के पूर्व अध्यापक सितार वादक पं. शिवनाथ मिश्र (पद्मश्री), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में नेफ्रोलोजी के चिकित्सक प्रो. कमलाकर त्रिपाठी (पद्मश्री) का अभिनंदन किया जायेगा। कुलपति कार्यालय में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में विवि के सभी संकायाध्यक्षों एवं अध्यापक परिषद के पदाधिकारियों ने भी सुझाव दिया। विभूतियों का सम्मान अपरांह एक बजे पाणिनी भवन सभागार में करने पर सहमति बनी।

कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व प्रति कुलपति प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी मूल रूप से देवरिया जनपद के निवासी हैं। विवि से वर्ष 2001 में सेवानिवृत्त होकर आज 81 वर्ष की आयु में भी नगवां, वाराणसी स्थित अपने आवास पर प्रतिदिन अपनी विद्या के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्ञान-दान दे रहे हैं। उनका आवास शास्त्रों की पाठशाला है। प्रो. त्रिपाठी के विद्यार्थी देश के कोने कोने में न्याय शास्त्र के ज्ञान को विभिन्न तरह से प्रकाशित कर रहे हैं। कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि मूल रूप से सिद्धार्थनगर के मदनपुर गांव के निवासी वर्तमान में रवींद्रपूरी में रह रहे बीएचयू में मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं प्रसिद्ध चिकित्सक प्रो. कमलाकर त्रिपाठी को मरीजों के नि:स्वार्थ सेवा भावना के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि विशिष्ट विद्वानों के अभिनंदन और सम्मान से जीवन पुण्यों से अभिसिंचीत होता है।

बैठक में कुलसचिव डॉ ओमप्रकाश, प्रो. सुधाकर मिश्र, प्रो. हरिशंकर पान्डेय, प्रो. महेंद्र पान्डेय, प्रो. रमेश प्रसाद, प्रो. शम्भुनाथ शुक्ल, प्रो. हीरककान्त चक्रवर्ती, प्रो. शैलेश मिश्र, डॉ विजय पान्डेय आदि की भी मौजूदगी रही।