लालू ,आरके राणा को पांच-पांच साल की सजा, 60-60 लाख का जुर्माना



अदालत ने 40 अभियुक्तों को सुनायी सजा
सबसे अधिक जुर्माना दो करोड़ और सबसे कम एक लाख


रांची -  चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व विधायक आरके राणा सहित 40 अभियुक्तों को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश एसके शशि की आदालत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये सजा सुनायी। लालू सहित पांच अभियुक्तों को पांच-पांच साल की सजा, तीन अभियुक्तों को तीन-तीन साल और शेष 32 अभियुक्तों को चार-चार साल की सजा सुनायी है।

दो राजनीतिज्ञ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और पूर्व विधायक आरके राणा को पांच-पांच साल की सजा एवं 60-60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इस मामले में सबसे अधिक जुर्माना आपूर्तिकर्ता त्रिपुरारी मोहन प्रसाद पर दो करोड़ और सबसे कम पूर्व पशुपालन सचिव बेक जूलियस पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया है। सजा सुनाये जाते समय दो अभियुक्त लालू यादव और कृष्ण मोहन प्रसाद रिम्स में, 36 अभियुक्त बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में मौजूद थे। दो अभियुक्त फरार हैं।

इससे पूर्व अदालत में सुनवाई के दौरान लालू के अधिवक्ता ने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कम से कम सजा देने की अपील की। अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि लालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं। इसलिए उन्हें कम से कम सजा दी जाय। वहीं दूसरी ओर सीबीआई के वकील बीएमपी सिंह ने कोर्ट में कहा कि केस का ट्रायल लम्बा होना स्वाभाविक है। यह घोटाला है, समाज देखना चाहता है कि ऐसे घोटाले करने वालों को क्या सजा होती है। इसलिए इस मामले में अधिक से अधिक सजा होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि यह मामला आरसी 47 ए/ 96 डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ अवैध निकासी से जुड़ा है। इसमें 99 अभियुक्त ट्रायल पेश कर रहे थे। दो दिनों में अदालत ने 99 अभियुक्तों को सजा सुनायी। मामला 25 साल पुराना है।

किसको कितनी मिली सजा : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना, पूर्व विधायक डा आरके राणा को पांच साल की सजा और 60 लाख का जुर्माना, अधिकारी बेक जुलियस को चार साल की सजा और एक लाख का जुर्माना, नित्यानंद कुमार सिंह को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, महेन्द्र सिंह को चार साल और पांच लाख जुर्माना, देवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, पूर्व पशुपालन पदाधिकारी डा राधा रमन सहाय को चार साल की सजा और छह लाख का जुर्माना, डा कृष्ण मोहन प्रसाद को पांच साल की सजा और डेढ़ करोड़ का जुर्माना, डा जुनूल भेंगराज को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा गौरी शंकर प्रसाद को चार साल की सजा और 11 लाख का जुर्माना, डा राम प्रकाश राम को तीन साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा जसबंत सहाय को तीन साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा रवीन्द्र कुमार सिंह को चार साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, डा प्रभात कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना हुआ है। इसी तरह डॉ ललितेश्वर प्रसाद यादव को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा कृष्ण बिहारी लाल को चार की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा अजित कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा चंदेर किशोर लाल को चार साल की सजा और डेढ़ लाख का जुर्माना, डा बिरसा उरांव को चार साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना, डा शिव नंदन प्रसाद को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा अर्जुन शर्मा को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा मुकेश कुमार श्रीवास्तव को चार साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, डा बृज नंदन प्रसाद वर्मा को चार साल की सजा और तीन लाख का जुर्माना किया गया। अन्य अभियुक्तों में डा नलिन प्रसाद सिन्हा को तीन साल की सजा और दो लाख का जुर्माना, आपूर्तिकर्ता रवि नंदन कुमार सिन्हा को चार साल की सजा और 10 लाख 10 हजार का जुर्माना, मो सईद को पांच साल की सजा और डेढ़ करोड़ का जुर्माना, जगमोहन लाल ककड़ को चार साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना, मोहिंदर सिंह बेदी को चार साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना, दयानंद प्रसाद कश्यप को चार साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना, सुरेश कुमार दूबे को चार साल की सजा और ढ़ाई लाख का जुर्माना किया गया है। उमेश दूबे पर चार साल की सजा और चार लाख का जुर्माना , सत्येन्द्र कुमार मेहरा को चार साल की सजा और 15 लाख का जुर्माना, राजेश मेहरा को चार साल की सजा और 15 लाख का जुर्माना, डा बिजयेश्वरी प्रसाद सिन्हा को चार साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को पांच साल की सजा और दो करोड़ रुपये का जुर्माना, बालकृष्ण शर्मा को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना, डा अजित वर्मा चार साल की सजा और 15 लाख का जुर्माना, रवि कुमार मेहरा को चार साल की सजा और 10 लसाख का जुर्माना, महेंद्र कुमार कुंदन को चार साल की सजा और 11 लाख का जुर्माना, राजेन्द्र कुमार हरित को चार साल की सजा और 20 लाख का जुर्माना किया गया है ।