तीन चरणों में पूरा होगा छूटे बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण



- सघन मिशन इंद्रधनुष-4 सात मार्च से होगा शुरू, स्वास्थ्य विभाग 24 फरवरी से सर्वे कर तैयार करेगा माइक्रोप्लान

औरैया - कोविड और अन्य कारणों से नियमित टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती को प्रतिरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग जनपद में सात मार्च से सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 (आईएमआई-4.0) शुरू करेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया- कोविड-19 संक्रमण के दौरान लॉकडाउन एवं अन्य कारणों से टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश शासन से मिले हैं। इस संबंध में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. डीएन कटियार ने बताया विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ की मॉनिटरिंग और 24 से 26 फरवरी तक सर्वे कर नियमित टीकाकरण से छूटे बच्चों और गर्भवती को चिन्हित कर माइक्रोप्लान तैयार किया जाएगा। तीन चरणों में चलने वाले सघन मिशन इंद्रधनुष- 4.0 का प्रथम चरण सात मार्च से शुरू होगा। विधानसभा चुनाव की मतणना के चलते 10 मार्च को टीकाकरण कार्यक्रम स्थगित रहेगा। द्वितीय चरण चार अप्रैल और तृतीय चरण दो मई से शुरू होगा।

अभियान की तैयारी के लिये 19 से 23 फरवरी तक जनपद स्तरीय संवेदीकरण एवं ब्लाक स्तरीय अभिमुखीकरण किया जा रहा है, 24 से 26 फरवरी तक सर्वे, 28 फरवरी से दो मार्च तक माइक्रो प्लान तैयार किया जाएगा, तीन मार्च को जनपद स्तर पर माइक्रो प्लान पूरा कर समीक्षा की जाएगी, चार मार्च को राज्य स्तर पर माइक्रो प्लान जमा करना है। पांच मार्च को राज्य स्तरीय समीक्षा की जाएगी। अभियान के तहत जिले के सीमावर्ती इलाकों, ईंट भट्टों, निर्माणाधीन साइट, दुर्गम क्षेत्रों में विशेष रूप से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया टीकाकरण से अक्सर विस्थापित परिवार छूट जाते हैं। इसमें बड़ी संख्या में मजदूर वर्ग आता है। कामकाज के हिसाब से यह लोग विभिन्न प्रदेशों और शहरों में घूमते हैं। इनके बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा जिले की सीमा से सटे इलाकों में बसे लोगों के बच्चों का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जाएगा।

क्या है सघन मिशन इंद्रधनुष : सघन मिशन इंद्रधनुष दरअसल विशेष टीकाकरण अभियान है। शून्य से दो वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती, जो नियमित टीकाकरण से छूट जाते हैं, विशेष अभियान चलाकर उन्हें टीके लगाए जाते हैं। इस अभियान का नाम इंद्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि इंद्रधनुष में सात रंग होते हैं और इस अभियान के दौरान सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए टीके लगाए जाते हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह टीकाकरण निशुल्क किया जाता है। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को सात खतरनाक बीमारियों तपेदिक, पोलियो, हेपेटाइटिस-बी, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस और खसरा से बचाव के लिए टीके लगाए जाएंगे। इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टीडी का टीका लगाया जाएगा।