छोटा परिवार व जच्चा-बच्चा सुरक्षा के लिए गर्भनिरोधक साधनों का प्रयोग आवश्यक - सीएमओ



  • विश्व जनसँख्या दिवस (11 जुलाई) आज
  • आज से शुरू होगा सेवा प्रदायगी पखवाड़ा, सीएचसी-पीएचसी पर मिलेगी परिवार नियोजन की स्थायी व स्थायी सेवाएं

कानपुर नगर  - परिवार की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य और तरक्की तभी संभव है, जब परिवार सीमित होगा। विकास के उपलब्ध संसाधनों का समुचित वितरण और बढ़ती जनसँख्या दर के बीच संतुलन कायम करने के उद्देश्य से आज सबसे अधिक जरूरत जनसँख्या स्थिरीकरण की है। परिवार को सीमित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास बास्केट ऑफ़ च्वाइस का विकल्प मौजूद है, इसमें स्थायी और अस्थायी साधनों को शामिल किया गया है। इन अस्थायी साधनों में से अपनी पसंद का साधन चुनकर शादी के दो साल बाद ही बच्चे के जन्म की योजना बना सकते हैं। इसके अलावा दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर रख जच्चा-बच्चा को सेहतमंद रख सकते हैं। दो बच्चों के जन्म में पर्याप्त अंतर रखना मां और बच्चे दोनों की बेहतर सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधन के रूप में नसबंदी का विकल्प चुन सकते हैं । यह कहना है मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आलोक रंजन का। यह बातें उन्होंने विश्व जनसँख्या दिवस की पूर्व संध्या पर कहीं।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण नोडल डॉ एसके सिंह का कहना है मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए।इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त बास्केट ऑफ़ च्वाइस मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है ।
उन्होंने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस आजादी के अमृत महोत्सव में हम लें ये संकल्प, परिवार नियोजन को बनाएंगे, खुशियों का विकल्प के साथ थीम के साथ मनाया जाएगा। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य जनसाधारण को सीमित परिवार के लाभों के बारे में जागरूक करने के साथ ही परिवार नियोजन को गति प्रदान करना है।

जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया की जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का दूसरे चरण सेवा प्रदायगी पखवाड़ा 24 जुलाई के रूप में संचालित किया जाएगा। इस दौरान इच्छुक दंपत्ति व लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाएंगी। ऐसे पुरुष व महिलाएं जिनके दो या उससे अधिक बच्चे हैं और उनका परिवार पूरा हो चुका है, उन्हें नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी आशा कार्यकर्ताएं, एएनएम, और सीएचओ ऐसे योग्य दंपति से संपर्क कर काउंसिलिंग करेंगे, जिनका परिवार पूरा हो गया है या जो दो बच्चों में अंतर रखना चाहते हैं। समुदाय को माला एन, छाया, कंडोम, अंतरा इंजेक्शन, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। सभी सीएचसी-पीएचसी पर नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला डेटा प्रबंधक ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक 8 पुरुष नसबंदी , 1034 महिला नसबंद , 2526 आईयूसीडी , 2597 पीपीआईयूसीडी , 800 त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन , 1812 कंडोम, 164 छाया और 6534 ईसीपी  के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं ।

एक नज़र आकंड़ो पर : राष्ट्रिय परिवार स्वास्थ्य सर्वे 2019 – 21 के अनुसार अगर अस्थाई परिवार नियोजन के तरीकों की बात करें तो जनपद में महिलाओं द्वारा गर्भनिरोधक गोली इस्तेमाल करने का प्रतिशत - 3.6 है, वहीँ 33.1 प्रतिशत पुरुष ने कंडोम का इस्तेमाल किया| वहीँ अगर सभी प्रकार के परिवार नियोजन के तरीकों की करें तो महिलाओं में यह प्रतिशत 73.7 है|

मिलती है प्रोत्साहन राशि : जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ के अनुसार महिला नसबंदी पर 2000 रुपये, प्रसव पश्चात नसबंदी पर 3000  रुपये। इसी प्रकार पुरुष नसबंदी पर 3000 रुपये दिये जाते है और प्रेरक आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रोत्साहन राशि दी जाती है।