स्तनपान बनाये बच्चे को आयुष्मान



  • विश्व स्तनपान सप्ताह (01-07 अगस्त) पर विशेष
  • स्तनपान बनाये बच्चे को आयुष्मान
  • जन्म के पहले घंटे में जरूर पिलायें माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध
  • स्तनपान से बच्चों को मिलती है बीमारियों से लड़ने की ताकत

कानपुर नगर  - स्तनपान शिशुओं के विकास के लिए बेहद आवश्यक होता हैI शिशु के उचित मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए स्तनपान महत्वपूर्ण है इतना ही नहीं स्तनपान माँ को भी प्रसव उपरांत होने वाली कई तरह की परेशानियों से बचाता हैI जो माताएं बच्चे को सही समय पर और सही तरीके से भरपूर स्तनपान कराती हैं, उन्हें बच्चे को लेकर बहुत चिंता करने की  जरूरत नहीं होती है । मां के दूध की अहमियत सर्वविदित है, यह बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करने के साथ ही उसे आयुष्मान भी बनाता है ।इसी संबंध में अगस्त के प्रथम सप्ताह को स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता हैI यह बताया मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन नेI

उन्होंने कहा कि स्तनपान शिशु को बुद्धिमान बनाता है। मां के पास जितना नवजात रहेगा उसमें उतनी भावनात्मक वृद्धि होती है, सुरक्षा का आभास रहता है। मां के दूध से शिशु कुपोषण का शिकार नहीं हो पाते हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019 -21) के अनुसार जनपद का एक घंटे के अंदर स्तनपान की दर प्रतिशत 34.8 और छह माह तक केवल स्तनपान की दर 53.9 है। लैंसेंट की रिपोर्ट 2015 के अनुसार जन्म के पहले घंटे से लेकर दो साल तक स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं, वही स्तनपान न करने वाले बच्चों में बहुत सी बीमारियाँ होने की संभावना होती हैं। जिससे शिशु मृत्यु दर बढ़ने की भी संभावना बढ़ जाती है। इसी को कम करने के लिए सरकार द्वारा हर साल अगस्त माह में विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जाता हैं। जिससे कि लोगों में स्तनपान के प्रति जागरूकता बढ़े।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरपी मिश्रा का कहना है कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है । यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है । माँ का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है । यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है। इसीलिए इसे बच्चे का पहला टीका भी कहा जाता है।

जिला सामुदायिक [प्रक्रिया प्रबन्धक योगेंद्र पाल ने बताया कि विभाग की ओर से जहां संस्थागत प्रसव पर ज़ोर दिया जाता है वहीं एक घंटे के अंदर माँ शिशु को स्तनपान कराये इसके लिए भी सभी प्रसव इकाइयों की स्टाफ़ नर्सेस को प्रशिक्षित किया गया है । साथ ही एएनएम और आशाओं को भी प्रशिक्षित किया जाता है  कि वह गर्भवती की जांच और गृह भ्रमण के दौरान उन्हें जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान और 6 माह तक सिर्फ स्तनपान के महत्व के बारें में गर्भवतियों को जागरूक करे। उन्होंने  बताया कि जिला और ब्लॉक स्तर पर गोष्ठी के माध्यम से स्तनपान के लिए जागरूक किया जायेगा l साथ ही प्रसव स्थान पर मां को शिशु को स्तनपान के लिए प्रेरित किया जायेगा l साथ ही आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान धात्री और गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करेंगी l

स्तनपान के फायदे – शिशु के लिए

  • सर्वोत्तम पोषक तत्व
  • सर्वोच्च मानसिक विकास में सहायक
  • संक्रमण से सुरक्षा (दस्त-निमोनिया)
  • दमा एवं एलर्जी से सुरक्षा
  • शिशु के ठंडा होने से बचाव
  • प्रौढ़ एवं वृद्ध होने पर उम्र के साथ होने वाली बीमारियों से सुरक्षा ।
  • मां के लिए स्तनपान के फायदे :
  • जन्म के पश्चात बच्चेदानी के जल्दी सिकुड़ना व रक्तस्राव एवं एनीमिया से बचाव
  • कारगर गर्भनिरोधक
  • मोटापा कम करने और शरीर को सुडौल बनाने में सहायक
  • स्तन एवं अंडाशय के कैंसर से बचाव