एमडीए राउंड के कुशल क्रियान्वयन का हुआ पर्यवेक्षण



  • कार्यक्रम के संचालन और प्रगति को देखने को केंद्रीय टीम ने किया भ्रमण
  • ब्लॉक अजीतमल, भाग्यनगर व सहार के विभिन्न गांवों सहित शहरी क्षेत्र का किया दौरा

कानपुर  - राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत चल रहे ‘सर्वजन दवा सेवन अभियान’ की हकीकत जानने के लिए बुधवार को भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम जिले में पहुंची। दो दिवसीय भ्रमण पर पहुंची वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (भारत सरकार) की केंद्रीय टीम के सलाहकार आशीष कुमार और टेक्निकल ऑफिसर राहुल कुमार सिंह ने बुधवार को ब्लॉक भाग्यनगर व सहार के विभिन्न गांवों सहित शहरी क्षेत्र और व गुरुवार को ब्लॉक अजीतमल के गाँव का दौरा कर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) की स्थलीय सच्चाई जानी।

मंगलवार को ब्लॉक भाग्यनगर में टीम उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राकेश सिंह, पीसीआई संस्था के सीएचसी अधीक्षक डॉ विजय आनंद, बीसीपीएम जमीर अहमद और एसएमसी  निर्मल कुमार के साथ ग्राम उमरी और नगला जयसिंह, हंसे का पुरवा पहुंचे। उन्होंने कुछ घरों के परिवारों से दवा सेवन करने के बारे में पूंछा कि उन्हें आशा द्वारा दवा वितरित किया गया या आशा ने अपने सामने ही दवा खिलाया। टीम ने पाया कि किसी को भी दवा का वितरण नहीं किया गया है, सभी को आशा कार्यकर्ता ने अपने सामने ही दवा खिलाई है। टीम ने अभियान में लगी कर्मियों के पास दवा, चाक, मार्कर और बुकलेट की उपलब्धता तथा घरों पर मार्किंग का भी गहन पर्यवेक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दवा बांटी न जाए और दवा खिलाने के बाद उंगली पर निशान अवश्य लगाया जाए। प्रतिरोधी परिवारों की सूची बनाकर ग्राम विकास अधिकारी और एडीओ पंचायत को देकर सुनिश्चित किया जाए कि सभी लोगों को दवा का सेवन करा दिया गया है। इसके साथ ही फिर टीम उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राकेश सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ जितेंद्र सिंह, बीसीपीएम संजय कुमार, डीएमसी पीसीआई संस्था सुनील गुप्ता के साथ ब्लाक सहार के ग्राम बर्रू पहुंची। वहां भी टीम द्वारा निरीक्षण किया गया।

बुधवार को ब्लॉक अजीतमल के गाँव मौहारी और शहरी क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने फाईलेरिया दवा खिलाने वाले ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर( आशा) का मौके पर निरीक्षण किया एवं जरूरी दस्तावेजों के संबंध में पूछताछ की। वहीं, कुछ घरों का भ्रमण कर लोगों द्वारा की जा रही दवा सेवन की स्थिति को जाना एवं एमडीए के फ़ायदों से लोगों को अवगत भी कराया।  साथ ही फाईलेरिया के दुष्परिणामों की जानकारी देकर दवा सेवन का आग्रह किया।

विभिन्न गांवों का दौरा करने के बाद टीम सीएमओ ऑफिस पहुंच कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा से मुलाकात कर जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की।

सीएमओ की अपील : मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ सुनील कुमार वर्मा ने जनपदवासियों से यह अपील करते हुए बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) चल रहा है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहीं हैं । यह दवा पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है। दो साल से छोटे बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को यह दवा जरूर खानी है । उन्होंने बताया कि बीमारी का पता चलने में पांच से 15 साल लग सकते हैं, इसलिए कोई भी जोखिम न लें और न ही कोई बहाना करें क्योंकि आज का यही बहाना आपको जीवनभर के लिए मुसीबत में डाल सकता है। इसलिए दवाओं का सेवन कर समाज को फाइलेरिया मुक्त बनाएं। लगातार पांच साल तक साल में एक बार यदि दवा का सेवन कर लेते हैं तो इस बीमारी से सुरक्षित बन सकते हैं ।