गर्भावस्था में दो बार और बच्चों का पांच साल में सात बार टीकाकरण अनिवार्य



  • सीएमओ ने पिपरौली सीएचसी से किया आईएमआई अभियान के तीसरे चरण का शुभारम्भ

गोरखपुर - सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत जिले में नौ अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक गर्भवती और बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण की सेवा लेने से चूक गयीं गर्भवती और बच्चों के टीकाकरण पर अभियान के दौरान विशेष जोर रहेगा । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने पिपरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से जिला स्तरीय अभियान का शुभारम्भ किया । उन्होंने जनपदवासियों को संदेश दिया कि गर्भावस्था में दो बार और बच्चों को पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण की सुविधा दिलवाना अनिवार्य है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण के अभियान के दौरान 2740 सत्र लगा कर 22367 बच्चों और 5689 गर्भवती का टीकाकरण किया जाना है । नियमित टीकाकरण गर्भवती को टिटनेस और डिप्थीरिया जैसी बीमारी से बचाता है । बच्चों का यह मीजल्स, टिटनेस, इंसेफलाइटिस जैसी तेरह प्रकार की जानलेवा बीमारी से बचाव करता है । टीकाकरण सत्र की जानकारी और सुविधा अपने क्षेत्र के आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम की मदद से प्राप्त की जा सकती है । अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के टोल फ्री नंबर 104 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है । गर्भवती को पहला टीका गर्भावस्था का पता चलने पर और दूसरा टीका एक महीने के अंतराल पर अवश्य लगवा लेना चाहिए ।

डॉ दूबे ने बताया कि सरकारी अस्पताल के सभी टीके दो से आठ डिग्री के तापमान के बीच सुरक्षित रखे जाते हैं। यह पूरी तरह से असरकारक हैं । कुछ टीके लगने के बाद बुखार आ सकता है, लेकिन इससे कोई हानी नहीं होती है । यह टीके का असर होता है जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी दिक्कत से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग दवा भी देता है । यह टीके का ही प्रभाव है कि पूर्वांचल से बच्चों में होने वाला जापानी इंसेफेलाइटिस लगभग समाप्त होने वाला है।

इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, अधीक्षक डॉ शिवानंद मिश्र, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, एआरओ अजीत सिंह, एएनएम ममता, विश्व स्वास्थ्य संगठन की एसएमओ डॉ ज्योत्सना और यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम भी मौजूद रहे ।

चल चुके हैं दो चरण : सीएमओ ने बताया कि 7 से 12 अगस्त तक अभियान का पहला चरण चलाया गया था जिसमें 23450 बच्चों और 5723 गर्भवती का टीकाकरण किया गया । इसी तरह 11 से 16 सितम्बर तक चले अभियान में 24050 बच्चों और 5803 गर्भवती का टीकाकरण किया गया ।

आशा कार्यकर्ता ने की मदद : पिपरौली क्षेत्र की बांसपार निवासी रागिनी (27) ने बताया कि वह चार माह की गर्भवती हैं । उन्होंने एक निजी अस्पताल में पैसे देकर गर्भावस्था की जांच कराई थी। गांव की आशा कार्यकर्ता किरण को जब पता चला तो उन्होंने रागिनी को बताया कि गर्भावस्था संबंधित सभी जांच व टीकाकरण की सुविधा सीएचसी पर भी उपलब्ध है । अभियान के दौरान एएनएम ममता ने उन्हें टीडी का टीका लगाया । रागिनी का कहना है कि अब वह सीएचसी पर सरकारी प्रावधानों के तहत उपलब्ध सभी सेवाओं का लाभ जरूर लेंगी । इसी ब्लॉक के बसूधा गांव की रंजीता देवी (28) ने बताया कि सीएमओ ने उनकी चार साल की बच्ची अनामिका को पल्स पोलियो का ड्रॉप पिला कर अभियान की शुरूआत की है । वह पहले से ही सीएचसी पर नियमित टीकाकरण की सेवाएं प्राप्त कर रही हैं। टीका लगने पर जब कभी भी बुखार हुआ तो सामान्य दवा से ठीक हो गया । टीका पूरी तरह से सुरक्षित है।