प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ विभिन्न रोगों से बचाता है विटामिन ए



  • जिले में विटामिन ए सम्पूरण अभियान शुरू, सत्र स्थल पर बच्चों को दी जाएगी विटामिन ए की खुराक
  • नौ माह से पांच वर्ष की उम्र तक नौ बार विटामिन ए की खुराक लेना अनिवार्य

गोरखपुर - विटामिन ए का सेवन बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ विभिन्न बीमारियों से भी बचाव करता है । इसी उद्देश्य से बच्चों में विटामिन ए की कमी को दूर करने के लिए बुधवार से विटामिन ए सम्पूरण अभियान की शुरूआत हो गई । एडी हेल्थ डॉ आईबी विश्वकर्मा और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से इस अभियान की शुरूआत की । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण और छाया ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता व पोषण दिवस के सत्र स्थल पर बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी । प्रत्येक बच्चे को नौ माह से पांच वर्ष की उम्र तक नौ बार विटामिन ए की खुराक लेना अनिवार्य है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विटामिन ए की खुराक बच्चों को कुपोषण, मिजल्स, डायरिया और रतौंधी से बचाती है । यह बच्चे के विकास में मददगार है। इसके सेवन से निमोनिया और डायरिया का खतरा कम हो जाता है। शरीर में विटामिन ए की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है। आंख कमजोर होने की आशंका होती है। इससे बच्चे के शरीर बढ़ने में भी कमी आ सकती है। बच्चे को कमजोरी महसूस होती है। इसकी खुराक नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में एमआर टीके के प्रथम और दूसरे डोज के दौरान दी जाती है । इसके बाद तीसरी से नौंवी खुराक अभियान के दौरान प्रत्येक छह माह पर दी जाती है। नौ माह से एक वर्ष तक के बच्चे को आधा चम्मच और एक वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चे को पूरा चम्मच दवा पिलाना अनिवार्य है।

डॉ दूबे ने बताया कि पूरे माह जिले के 594 एएनएम सब सेंटर्स, एम्स गोरखपुर, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रेलवे अस्पताल और जिला महिला अस्पताल में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी । इस वर्ष नौ माह से बारह माह तक के 61640 बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य है । एक वर्ष से दो वर्ष तक के 1.16 लाख बच्चों को और दो से पांच वर्ष तक के 3.69 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी । छह माह पूर्व चले अभियान के दौरान 91.43 फीसदी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गयी थी।

इस मौके पर चरगांवा पीएचसी के  चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके चौधरी , डॉ अमरनाथ तिवारी, डॉ पवन, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार, सहायक शोध अधिकारी अजीत प्रताप सिंह, एआरओ रामचंद्र सिंह, पुष्पा भारती, कनक राय, अशोक राय, विनय, अजीत रमन, विनोद, संदीप समेत विभिन्न अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे ।

पूरे गांव में चलता है अभियान : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि जिन गांवो में मिजल्स रूबैला (एमआर) का केस निकलता है वहां पूरे गांव के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाती है। इस बीमारी से बचाव में विटामिन ए की महत्वपूर्ण भूमिका है । यह दवा मातृ मृत्यु दर को कम करने में सहयोगी है। अभियान के दौरान सहायक शोध अधिकारी अजीत प्रताप सिंह समेत डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, जेएसआई और चाई संस्था के प्रतिनिधिगण सहयोग करेंगे।