रामनगरी अयोध्या में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के उपचार हेतु आयुष विभाग द्वारा चिकित्सकों तथा अन्य स्टाफ की तैनाती



  • अस्पतालों, स्थापित कैम्पों में पर्याप्त स्टाफ एवं औषधियों की उपलब्धता बनाये रखने के कड़े निर्देश -डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’

लखनऊ । रामनगरी अयोध्या में आयोजित कार्यक्रमों को देखते हुए आने वाले श्रद्धालुओं एवं आगन्तुकों को आयुर्वेद निदेशालय द्वारा अयोध्या एवं आस-पास के जनपदों में आयुष चिकित्सा सेवाएं प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। श्रद्धालुओं के उपचार के लिए पर्याप्त संख्या में होम्योपैथ, आयुर्वेद, यूनानी अस्पतालों तथा ओपीडी के माध्यम से मरीजों का उपचार किये जाने के सख्त निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही उपचार एवं अन्य सुविधाओं को सुचारू रूप से संचालित कराने के लिए नोडल अधिकारियों की ड्यूटी भी लगा दी गयी है।

यह जानकारी आज यहां प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एमओएस) डा दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने दी। उन्होंने बताया कि अयोध्या तथा आस-पास के जनपदों जैसे बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, बस्ती, गोण्डा, सुल्तानपुर तथा अमेठी में 201 आयुर्वेद चिकित्सक, 146 चिकित्साधिकारी तथा 140 फार्मासिस्ट, 158 होम्योपैथ चिकित्सक तथा 132 चिकित्साधिकारी एवं 156 फार्मासिस्ट के अलावा 32 यूनानी चिकित्सक एवं 25 चिकित्साधिकारी तथा 21 फार्मासिस्ट तैनात किये गये हैं। ये सभी चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल स्टाफ श्रद्धालुओं को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। डॉ0 दयालु ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में 22 जनवरी, 2024 को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देशभर से आने तीर्थ यात्रियों को आयुष पद्धति से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयुष विभाग द्वारा विभिन्न जनपदों के प्रमुख स्थलों पर आयुष कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत अयोध्या, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, बस्ती में 3-3 कैम्प, गोण्डा में 04, सुल्तानपुर में 02 तथा अमेठी में 02 कैम्पों की स्थापना की गयी है। इन कैम्पों में पर्याप्त संख्या में चिकित्साधिकारी तथा फार्मासिस्ट लगाये गये हैं। इन कैम्पों में आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी औषधियां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गयी हैं।

आयुष मंत्री ने बताया कि इन स्थापित 07 जनपदों के कैम्पों के माध्यम से अयोध्या में 1500, बाराबंकी में 400, अम्बेडकरनगर में 890, बस्ती में 1100, गोण्डा में 1409, सुल्तानपुर में 300 तथा अमेठी में 100 मरीजों का उपचार किया गया है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में तुलसी उद्यान, छोटी देवकाली, कनक भवन में कैम्प स्थापित किये गये हैं। इसी प्रकार बाराबंकी में मोहम्मदपुर कीरत, सफदरगंज, मोहम्मदपुर चैकी, सफेदाबाद, नगर चिकित्सालय में कैम्प स्थापित किये गये हैं। इसी प्रकार अम्बेडकरनगर के अकबरपुर, टांडा तथा हवाई पट्टी अम्बेडकरनगर, इसी तरह जनपद बस्ती के महराजगंज, हरैया, विक्रमजोत, बस्ती में कैम्प लगाये गये हैं।

डॉ दयालु ने बताया कि जनपद गोण्डा में करनैलगंज, यूनानी चिकित्सालय नगर गोण्डा, दर्जीकुआं तथा कटरा गोण्डा में कैम्प लगाये गये हैं। इसी प्रकार जनपद सुल्तानपुर के प्रयागीपुर, कटका खानपुर तथा जनपद अमेठी में दुर्गापुर अमेठी तथा जगदीशपुर में कैम्प लगाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी पद्धतियों के चिकित्सालयों में पर्याप्त संख्या में चिकित्सक, फार्मासिस्ट एवं औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तथा श्रद्धालुओं को उपलब्ध करायी जाने वाली चिकित्सकीय सेवाओं के अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण के लिए 10 अधिकारियों को नोडल अधिकारी भी नामित किया गया है।मंत्री ने बताया कि नोडल अधिकारियों में डॉ प्रकाश चन्द्र सक्सेना निदेशक आयुर्वेद सेवाएं, डॉ अरविन्द कुमार वर्मा निदेशक होम्योपैथी, प्रो अब्दुल वहीद निदेशक यूनानी सेवाएं, डॉ जुगल किशोर राणा उप निदेशक आयुर्वेद निदेशालय, डॉ नारायण दास उप निदेशक आयुर्वेद निदेशालय, डॉ ब्रजेश गुप्ता प्रभारी अधिकारी आयुर्वेद निदेशालय, डॉ अरूण कुमार सिंह संयुक्त निदेशक होम्योपैथी, डॉ सीमा यादव उप निदेशक होम्योपैथी, डॉ अरशद जमाल लारी प्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालय तथा डॉ वसीम प्रभारी अधिकारी यूनानी निदेशालय शामिल हैं।

आयुष मंत्री ने अयोध्या में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के दृष्टिगत यहां पूरे देश से आने वाले श्रद्धालुओं को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आयोजित होने वाला कार्यक्रम अति महत्वपूर्ण है। इसको दृष्टिगत रखते हुए आयुष विभाग के अन्दर आने वाले सभी चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ अपने-अपने दायित्वों का पूरी ईमानदारी एवं निष्ठापूर्वक निर्वहन सुनिश्चित करें, इसमें किसी प्रकार की कोताही को गम्भीरता से लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक एवं स्टाफ निर्धारित समय पर अपने तैनाती के स्थान पर उपलब्ध रहें। मरीजों एवं श्रद्धालुओं को समुचित उपचार की सुविधाएं सुलभ कराएं। उन्होंने यह भी कहा है कि अस्पतालों में साफ-सफाई एवं कैम्प स्थल पर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि इन निर्देशों का अनुपालन कड़ाई से किया जाय। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को गम्भीरता से लेते हुए कार्यवाही की जायेगी।