ख़ुशी फाउंडेशन-दिशा एजुकेशनल सोसायटी के तत्वावधान में सेवा शिखर सम्मान समारोह हुआ आयोजित, लखनऊ के डॉ उत्कर्ष बंसल सम्मानित



  • स्वास्थ्य राज्य मंत्री व महानिदेशक आईआईएमसी ने विभिन्न क्षेत्रों की महान विभूतियों को सम्मान से नवाजा
  • स्वास्थ्य और शिक्षा व्यक्ति की असल पूँजी : मयंकेश्वर शरण सिंह
  • सेवा के बाद मिले सम्मान की ख़ुशी ही अलग होती है : प्रो.द्विवेदी

लखनऊ - ख़ुशी फाउंडेशन और दिशा एजुकेशनल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को बौद्ध शोध संस्थान,गोमतीनगर के सभागार में सेवा शिखर सम्मान समारोह-2023 आयोजित किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के जीवन की असल पूँजी होती है,जिसकी सुविधा मुहैया कराने में यह संस्थाएं जुटी हैं,जो कि सराहनीय है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने कहा कि सेवा के बदले में मिलने वाले सम्मान की ख़ुशी ही कुछ अलग होती है। यह सम्मान समाज के अन्य लोगों में सेवा भाव को जगाने का पुनीत कार्य करता है। प्रो.द्विवेदी ने इस भव्य आयोजन के लिए ख़ुशी फाउंडेशन और दिशा एजुकेशनल सोसायटी के प्रतिनिधियों का आभार जताया।

इनको मिला सम्मान : NDRF, पद्मश्री सुधा सिंह ,डॉ.सूर्यकान्त, प्रो.(डॉ.) कैलाश चंद्र सारस्वत,आगरा, डॉ.आर. हर्षवर्धन (एसजी पीजीआई) लखनऊ, डॉ उत्कर्ष बंसल, डॉ. सौरभ मालवीय, कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’, मुकेश कुमार शर्मा-पीएसआई-इण्डिया, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार), डॉ अखिल मिश्रा, समाजसेवी श्याम कुमार, लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष मुकुल श्रीवास्तव और समाजकार्य विभाग के अध्यक्ष अनूप भारतीय, डॉ. स्वस्ति मोहंती, ऋषि अग्रवाल के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वालों को सेवा गौरव सम्मान से नवाजा गया।  

बच्चों की भाव भंगिमाओं ने लोगों के मन को मोहा : सम्मान समारोह में नृत्यांगना डांस इंस्टीट्युट इंदिरानगर की डायरेक्टर और कोरियोग्राफर अनुपमा श्रीवास्तव की देखरेख में भानवी श्रीवास्तव ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। महिला सशक्तिकरण से जुड़े ‘बेख़ौफ़ आजाद रहना मुझे’ गाने पर संचयिता, सान्वी, आराध्या, रिशिका, अलका, मीमांसा, आर्ची शुक्ला ने मनमोहक नृत्य पेश किया।

मेधा ने ‘रघुकुल रीति सदा चल आई, घर मोरे परदेशिया’ पर नृत्य प्रस्तुत किया। पीहू और गार्गी ने मनमोहक नृत्य पेश कर खूब तालियाँ बटोरी ।