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अशोक गहलोत-सचिन पायलट को मिली मात तो इसमें नहर योजना का बड़ा हाथ, अब क्या है भजनलाल शर्मा का प्लान?

जयपुर. बीते विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजस्थान की राजनीति के केन्द्र बिन्दु रही पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) अब सिरे चढ़ने लगी है. दोनों चुनावों में इस योजना के मद्दे ने अहम भूमिका निभाई. बीजेपी और कांग्रेस के बीच नाक का सवाल बनी इस योजना के रास्ते में आ रही बाधाओं को नहीं हटा पाने के कारण कांग्रेस की फ्रंटलाइन के नेता पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मात खा गए. वहीं अब सत्ता में आते ही सीएम भजनलाल शर्मा इस योजना को नए सिरे तेजी से आगे बढ़ाकर किसानों और आम जनता का भरोसा जीतने का प्रयास कर रहे हैं.

दरअसल सीएम भजनलाल शर्मा अब योजना को तेजी से पूरा करवाकर पूर्वी राजस्थान में कमजोर हो रखी बीजेपी की कड़ियों को मजबूत करना चाहते हैं. सीएम और बीजेपी इस इलाके की जनता का पार्टी के प्रति विश्वास मजबूत करना चाहते हैं ताकि आने वाले समय में पार्टी पूर्वी राजस्थान में अपनी जड़ें और गहरी कर सकें. पूर्वी राजस्थान वह इलाका है कि जहां कांग्रेस को बीजेपी के मुकाबले मजबूत माना जाता है. इस इलाके में सचिन पायलट की जड़ें काफी गहरी है. पायलट खेमे के कई बड़े नेता इसी इलाके से आते हैं. सचिन खुद और उनके पिता राजेश पायलट तथा मां रमा पायलट इस इलाके की दौसा सीट का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

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पूर्वी राजस्थान में गहरी है पायलट की जड़ें
इसी इलाके के पायलट समर्थक दो बड़े नेता भरतपुर के विश्वेन्द्र सिंह और दौसा के रमेश मीणा को बगावत के समय गहलोत मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था. गहलोत की भी इस इलाके में अच्छी पकड़ है. सीएम भजनलाल शर्मा भी इसी इलाके से आते हैं. भरतपुर उनका गृह जिला है. लिहाजा ईआरसीपी को जल्द से जल्द सिरे चढ़ाकर वे अपनी धाक भी जमाना चाहते हैं. ईआरसीपी राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों की योजना है. इसमें ज्यादा हिस्सा राजस्थान का है. अगर इस बार भी दोनों प्रदेशों में से किसी भी एक जगह कांग्रेस आ जाती तो इस योजना के आगे बढ़ने की संभावनाएं फिर कमजोर हो जाती. लिहाजा सीएम भजनलाल शर्मा और बीजेपी अब इस मौके को गंवाना नहीं चाहती.

अब योजना का नाम बदल दिया गया है
हालांकि अब ईआरसीपी का नाम बदलकर पीकेसी प्रोजेक्ट (पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना) कर दिया गया है. अब इसमें पूर्वी राजस्थान के 13 जिले (नए 22 जिले) लाभान्वित होंगे. वहीं मध्य प्रदेश के 10 जिलों को योजना का फायदा मिलेगा. योजना के मूल स्वरूप कई बदलाव किए गए हैं. उन बदलावों के तहत ही राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच पिछले दिनों दिल्ली में एमओयू हुआ था. उसके बाद इसके क्रियान्वयन को लेकर पिछले दिनों भोपाल में बैठक आयोजित कर एक और कदम आगे बढ़ाया गया. दोनों ही बार मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा मौजूद रहे थे.

Tags: Ashok gehlot, Bhajan Lal Sharma, Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan Politics, Sachin pilot

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Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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