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धरती पर खतरा, वायुमंडल में बवंडर, इसे देख नासा के वैज्ञानिकों के हाड़ कांपे, रिसर्च में लगे सांइस के धुरंधर!

लंबे समय से सवाल उठ रहा है कि क्या धरती के अस्तित्व पर कोई खतरा मंडरा रहा है? इसको लेकर दुनिया में हजारों वैज्ञानिक शोध कार्य में जुटे हैं. इस शोध कार्य के दौरान ऐसे-ऐसे खुलासे होते हैं जिनको देखकर वैज्ञानिकों को हाड़ कांप जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ है नासा की एक ताजा फाइंडिंग में.

दरअसल, नासा ने 2018 में एक सैटेलाइट लॉन्च किया था. इस सैटेलाइट का नाम है- ग्लोबल स्केल ऑबजर्वेशन्स ऑफ द लिंब एंड डिस्क. इसे शॉर्ट फॉर्म में गोल्ड कहा जाता है. इस सैटेलाइट ने धरती के आइनोस्फेयर में एक्स और सी शेप के दो स्ट्रक्चर्स देखे हैं. आइनोस्फेयर हमारे वायुमंडल का सबसे बाहरी हिस्सा है और इसमें सूर्य की किरणें का प्रभाव काफी ज्यादा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ये जो दो स्ट्रक्चर दिखे हैं वैसे स्ट्रक्चर बहुत कम देखने को मिलते हैं. आइनोस्फेयर ही हमारे वायुमंडल का वो लेयर है जहां से रेडियो तरंगें टकराकर वापस धरती पर आती हैं.

यानी पूरी दुनिया में जो भी संचार तंत्र है वो आइनोस्फेयर से ही संचालित होता है. अगर इस आइनोस्फेयर स्फेयर में कोई गड़बड़ी हुई तो पूरी दुनिया तबाह हो जाएगी. इस शोध को अंजाम देने वाले वैज्ञानिक फजलुल लस्कर का कहना है कि इससे पहले ऐसे स्ट्रक्चर आम तौर पर जियोमैग्नेटिक डिस्टर्बेंस के वक्त देखे जाते थे. लेकिन बिना किसी डिस्टर्बेंस के ऐसा स्ट्रक्चर दिखना चिंता की बात है.

उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं का सीधा असर हमारी धरती के निचले वातावरण पर पड़ेगा और इससे कुल मिलाकर धरती की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. हालांकि, अभी पुख्ता तौर पर ये बातें नहीं कही जा सकती है. ऐसे मे अब इन स्ट्रक्चर्स के बनने के पीछे का कारण जानना जरूरी हो गया है. इसके लिए आगे की शोध शुरू हो गई है.

FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 19:02 IST

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Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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