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मां की प्रार्थना…घर का बना रसम-चावल, ऐसे ही नहीं 18 साल में ग्रैंडमास्टर बने प्रज्ञानानंदा, जानें पूरी कहानी – Behind r praggnanandhaa rise as 18 year old chess grandmaster his mother nagalaxmi prayers home cook food helped alot

नई दिल्ली. भारत के 18 साल के ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंदा FIDE वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गए हैं. उन्होंने फैबियानो कारुआना को हराकर ये मुकाम हासिल किया. इसके बाद से प्रज्ञानानंदा की मां नागलक्ष्मी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही, जिसमें वो बेटी की जीत के बाद मुस्कुराती नजर आ रही. प्रज्ञानानंदा आज चेस में जिस मुकाम तक पहुंचे हैं, उसमें उनकी मां नागलक्ष्मी का सबसे बड़ा रोल है. शायद इसी वजह से उनकी मां भी सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही हैं. गैरी कास्पारोव तक ने ट्वीट कर प्रज्ञानानंदा और उनकी मां नागलक्ष्मी को बधाई दी.

प्रज्ञानानंदा को ग्रैंड मास्टर बनाने में पूरी जिंदगी खपाई
प्रज्ञानानंदा के किसी कोच या साथी खिलाड़ी से आप पूछेंगे तो वो आपको ये ही बताएंगे कि 18 साल में उनके ग्रैंडमास्टर बनने में मां नागलक्ष्मी का रोल अहम रहा है. चाहे उन्हें क्लास ले जाना हो या फिर ये तय करना होगा कि प्रैक्टिस के लिए उनका घर अनुकूल है या नहीं. हजारों मील दूर घर के खाने की कमी न महसूस हो. इसका तक मां ने इंतजाम किया. नागलक्ष्मी का पूरा जीवन प्रज्ञानानंदा और उनकी बहन वैशाली को अपने वर्गों में विश्व ग्रैंडमास्टर बनने में मदद करने के आस-पास ही घूमता रहा है.

नागलक्ष्मी ने एक पुराने इंट्रव्यू में कहा, “प्रज्ञानानंदा जहां चेस इवेंट में हिस्सा लेते हैं, वो एरिना या हॉल इतने शांत होते हैं कि मैं हमेशा डरती हूं कि लोग मेरे दिल की तेज धड़कनों को सुन ना लें. मैं अपने बेटे से किसी भी मैच के दौरान आंखें नहीं मिलाती क्योंकि मैं नहीं चाहती कि वह जानता हो कि मुझे पता है कि वह क्या महसूस कर रहा है.एक मां के रूप में मैं बता सकती हूं कि वह कब आत्मविश्वास से भरा है या कब निराश है.”

मां नागलक्ष्मी सालों से प्रज्ञानानंदा को चेस टूर्नामेंट में लेकर जा रही हैं. लेकिन, अब तक वो इस खेल के बारे में नहीं जानती हैं. इसके बावजूद उन्होंने कहा कि मैं एक नजर में पकड़ लेती हैं कि उसका मैच कैसा चल रहा है.

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प्रज्ञानानंदा को घर का खाना मिले तो स्टोव लेकर जाती है मां
पिता रमेशबाबू ने प्रज्ञानानंदा की मां को लेकर एक बड़ी बात भी बताई. उन्होंने कहा, “जब वे टूर्नामेंट के लिए यात्रा करते हैं, तो नागलक्ष्मी अपने बच्चों के लिए रसम और चावल बनाने के लिए एक इंडक्शन स्टोव और 2 स्टील के बर्तन साथ ले जाती हैं. इस बार भी उन्होंने अपने सामान में सबसे पहले चावल, एक कुकर और मसाला पैक किया था. मुझे पता है कि अपना मनपसंद खाने जैसी चीज आपको अहम मुकाबले के लिए मानसिक तौर पर तैयार कर सकती है.”

Tags: R Praggnanandhaa, World Chess Championship

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Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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