परिचय
अगर आपने तमिल फिल्म ‘सूरराई पोटरु’ को पसंद किया थाए तो शायद ‘सरफिरा’ आपको एक अच्छी फिल्म लगेगी, लेकिन इसमें वही जादू नहीं है। जहां सूर्या ने ‘सूरराई पोटरु’ में अपनी शानदार अदाकारी से दिल जीत लिया थाए वहीं अक्षय कुमार की ‘सरफिरा’ उस तरह का भावनात्मक जुड़ाव नहीं पैदा कर पाती।
कहानी और निर्देशन
‘सरफिरा’ वीरेंद्र म्हात्रे उर्फ़ वीर की कहानी है, जो एयर फोर्स में थे और जीवन की परिस्थितियों ने उन्हें यह एहसास दिलाया कि आम आदमी के लिए हवाई यात्रा सुलभ नहीं है। वह अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और आम आदमी के लिए सस्ती हवाई यात्रा की शुरुआत करते हैं। यह कहानी कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ की किताब ‘सिम्पली फ्लाई’ से प्रेरित है, जिसने कम लागत वाली हवाई यात्रा को वास्तविकता में बदलने के उनके संघर्षों को दर्शाया है।
अभिनय
अक्षय कुमार ने वीर के किरदार को बखूबी निभाने की कोशिश की है। उनके कुछ दृश्य अच्छे हैं, खासकर जब वह बिना विग के नजर आते हैं। लेकिन सूर्या की तुलना में, अक्षय का प्रदर्शन थोड़ा फीका लगता है। कुछ दृश्यों में अक्षय का अभिनय बहुत ही प्रभावी है, सरफिरा अक्षय कुमार की 150वीं फिल्म है, और उन्होंने अपनी हाल की फिल्मों से ज्यादा अच्छा काम किया है, राधिका मदान, जो वीर की पत्नी रानी की भूमिका निभा रही हैं, ने भी अच्छा काम किया है, लेकिन उनके और अक्षय के बीच की केमिस्ट्री में वह दम नहीं है। परेश रावल, जो पहले भी इस किरदार को निभा चुके हैं, ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया है।
संगीत
फिल्म का संगीत औसत दर्जे का है और दर्शकों के दिलों में वह जगह नहीं बना पाता। तमिल संस्करण का संगीत जहां भावनाओं को गहराई से व्यक्त करता था, वहीं ‘सरफिरा’ का संगीत उस स्तर तक पहुंचने में असफल रहता है।
छायांकन
फिल्म का छायांकन अच्छा है और दृश्यों को प्रभावी ढंग से कैद किया गया है। विशेष रूप से हवाई अड्डे और विमान से जुड़े दृश्य काफी वास्तविक लगते हैं। लेकिन कुल मिलाकर, फिल्म में वह भव्यता और विस्तार की कमी है जो तमिल संस्करण में थी।
तकनीकी पक्ष
फिल्म का स्क्रीनप्ले और संपादन ठीक-ठाक है, लेकिन कुछ दृश्यों में ताजगी की कमी महसूस होती है। तमिल संस्करण के विपरीतए हिंदी संस्करण में कई जगहों पर जल्दीबाजी का एहसास होता है।
निष्कर्ष
‘सरफिरा’ तमिल हिट ‘सूरराई पोटरु’ को हिंदी दर्शकों तक पहुँचाने की कोशिश है, लेकिन इसमें वही गहराई और भावनात्मक जुड़ाव की कमी है। अक्षय कुमार और राधिका मदान ने अपने किरदारों को ईमानदारी से निभाया है, लेकिन फिल्म का समग्र प्रभाव थोड़ा कमज़ोर लगता है। अगर आपने ‘सूरराई पोटरु’ देखी है, तो शायद ‘सरफिरा’ आपको उतनी प्रभावित नहीं करेगी।
रेटिंग: 2. 5/5