लखनऊ। लोकसभा चुनावों के दौरान उत्तर प्रदेश में भाजपा और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा तो सारा ठीकरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर फोड़ा जाने लगा। चुनावों में वोट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर मांगे गये थे लेकिन यूपी में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को वोट कम मिलने का सारा भार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर डालने का प्रयास हो रहा है। रविवार को संपन्न यूपी भाजपा कार्यसमिति की बैठक में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार से बड़ा संगठन है, इसके जरिये उन्होंने यह संकेत देने का प्रयास किया कि संगठन पर इस समय सरकार हावी है। इसके अलावा, भाजपा के एक विधायक भी पार्टी आलाकमान से यूपी पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह कर चुके हैं।
योगी सरकार में मंत्री संजय कुमार निषाद ने कहा कि कुछ अधिकारी अंदर से हाथी, साइकिल और पंजा है और ऊपर से कमल के साथ होने का दिखावा करते हैं। ऐसे लोग जो विपक्षी पार्टियों से प्रेरित है। उनकी वजह से काफी नुकसान हो रहा है। एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत करते हुए संजय निषाद ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बुलडोजर माफियाओं पर चलना चाहिए ना कि गरीब लोगों पर, जो रजिस्ट्री कराने के बाद अपने मकान में रह रहे हैं। जिसने रजिस्ट्री कराई है। उन अधिकारियों को जेल भेजना चाहिए।
गरीब के घर पर बुलडोजर चलेगा तो वह हमें राजनीति से उखाड़ देगा
संजय निषाद ने कहा कि किसी गरीब के घर पर बुलडोजर चलेगा तो वह हमें राजनीति से उखाड़ देगा। बुलडोजर चलाने के पहले ऐसे लोगों को कहीं स्थापित करना चाहिए। इसमें अधिकारी सहयोग कर सकते हैं। लेकिन कुछ अधिकारी माहौल को बिगड़ने का काम कर रहे हैं। उन्होंने जौनपुर और गोरखपुर का उदाहरण दिया। जौनपुर में प्रशासन ने पीड़ित का ही मकान पर बुलडोजर चलवा दिया। जबकि गोरखपुर में हारे हुए प्रत्याशी को प्रशासन ने जीत का प्रमाण पत्र दे दिया।
मंत्री संजय निषाद ने कहा स्थापित करने के बाद विस्थापित किया जाए
संजय निषाद ने कहा कि यदि किसी को विस्थापित करना हो तो पहले ऐसे लोगों को स्थापित किया जाए। उसके बाद बुलडोजर चलाया जाए। उन्होंने कहा कि सुख समृद्धि के लिए सत्ता चाहिए। लेकिन सत्ता बिना शक्ति के नहीं मिल सकती है। राजनीतिक शक्ति संगठन से मिलती है। संगठन को सम्मान मिलना चाहिए। कुछ अधिकारी ऐसा नहीं करते हैं। एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। अधिकांश अधिकारी ठीक है। यदि ऐसा नहीं होता तो प्रदेश सर्वोत्तम प्रदेश कैसे बनता?