लखनऊ। कांवड़ यात्रा को लेकर मुजफ्फरनगर में दुकानों के बाहर दुकानदारों के नाम भी लिखने के जिला प्रशासन के आदेश पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर बिना नाम लिए निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर पुलिस के इस फरमान पर सवाल खड़े किये हैं और पूरे मामले को सामाजिक अपराध बताते हुए कोर्ट से मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई की अपील की है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, “… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा? माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं।” स्थानीय पुलिस प्रमुख अभिषेक सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसे कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और असदुद्दीन ओवैसी ने ही एक्स पर शेयर किया।
… और जिसका नाम गुड्डू, मुन्ना, छोटू या फत्ते है, उसके नाम से क्या पता चलेगा?
माननीय न्यायालय स्वत: संज्ञान ले और ऐसे प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जाँच करवाकर, उचित दंडात्मक कार्रवाई करे। ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं, जो सौहार्द के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते… pic.twitter.com/nRb4hOYAjP
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
अभिषेक सिंह ने कहा, ‘जिले में कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिले में लगभग 240 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग है। मार्ग पर सभी होटल, ढाबे, ठेले वालों से अपने मालिकों या फिर वहां काम करने वालों के नाम प्रदर्शित करने को कहा गया है। यह इसलिए जरूरी है ताकि किसी भी प्रकार का कोई भ्रम किसी कांवड़िये के अंदर ना रहे।’
बीजेपी का आरोप नाम छिपाने की ट्रेनिंग दे रहे अखिलेश
अखिलेश यादव के इस पोस्ट पर बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन द्वारा कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्वक निकलने के लिए कई कदम इसमें उठाए हैं। उसी के तहत यह भी कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों के मालिक अपना नाम भी लिखें जिससे श्रद्धालुओं को कोई कन्फ्यूजन न हो। इसमें आपत्ति क्या है? क्या इस आदेश में सिर्फ मुसलमानों को अपना नाम लिखने के लिए कहा गया है। अखिलेश यादव नाम छिपाने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। पहले भी वे ऐसा करते आए हैं और एक बार फिर वे नाम छिपाकर अपराध करने की ट्रेनिंग देते नजर आ रहे हैं।
आखिर क्या है पूरा मामला
दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा एक फरमान जारी किया गया है कि कांवड़ यात्रा रूट पर जितनी भी दुकानें हैं उनके मालिक अपना नाम लिखें, जिससे किसी भी तरह का कोई कन्फ्यूजन न हो और कांवड़ यात्रा को लेकर कोई अप्रिय घटना न हो सके। अब इस फरमान पर सियासत शुरू हो गई है।