नई दिल्ली। यूपी कैडर के सीनियर आईपीएस ऑफिसर दलजीत सिंह चौधरी को बीएसएफ का नया महानिदेशक बनाया गया है। वर्तमान महानिदेशक नितिन अग्रवाल को हटाए जाने के एक दिन बाद ही महानिदेशक दलजीत को महानिदेशक (बीएसएफ) पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस पद पर नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति तक या अगले आदेश तक के लिए उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश कैडर में सुपर कॉप रहे 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। आईपीएस दलजीत चौधरी को बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स यानी कि BSF की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। आईपीएस दलजीत मौजूदा समय में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। आईपीएस दलजीत चौधरी अपने कार्यकाल में अब तक कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वह NSG के कार्यकारी डीजी की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
केंद्र सरकार ने नितिन अग्रवार को तत्काल प्रभाव से हटाया
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक (डीजी) नितिन अग्रवाल और उनके डिप्टी विशेष डीजी (पश्चिम) वाईबी खुरानिया को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया। सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, दोनों के मूल राज्य कैडर में वापस भेज दिया गया है। नितिन अग्रवाल 1989 बैच के केरल कैडर के अधिकारी हैं, जबकि वाईबी खुरानिया 1990 बैच के ओडिशा कैडर के अधिकारी हैं।
अग्रवाल ने पिछले साल जून में सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख का कार्यभार संभाला था। वहीं, विशेष डीजी (पश्चिम) के रूप में खुरानिया पाकिस्तान सीमा पर बल का नेतृत्व कर रहे थे। नियुक्ति संबंधी कैबिनेट समिति (एसीसी) ने अलग-अलग जारी आदेशों में कहा कि उन्हें ‘तत्काल प्रभाव से और समय से पहले’ वापस भेजा जा रहा है। करीब 2.65 लाख कर्मियों वाले सुरक्षा बल बीएसएफ पर पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ लगने वाली भारतीय सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
दलजीत को 3 बार मिला राष्ट्रपति पदक
दिल्ली में जन्मे यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी की गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। उनका जन्म 25 नवम्बर 1965 को में हुआ था। उन्हें अब तक 3 बार राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा चुका है। दलजीत सिंह चौधरी 1990 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। वो 30 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे।
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो अफसरों को वापस राज्य कैडर में भेजने का फैसला ऐसे समय में आया है, जब बीएसएफ के नियंत्रण वाली भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। इस साल ही राजौरी, पुंछ, रियासी, उधमपुर, कठुआ और डोडा जिले में 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 11 सुरक्षाबलों के जवान हैं। हालांकि, सीमा पर सुरक्षा के लिए तैनात बीएसएफ ने घुसपैठ की किसी भी घटना से इनकार किया है।