ढाका, एजेंसी। तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बना रहे हैं। सोमवार से शुरू हुए हमलों में अब तक सैकड़ों हत्याएं हो चुकी हैं। हमलों के डर से तमाम हिंदू परिवार सामूहिक पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। बांग्लादेशी समाचार पोर्टल डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार रात से पश्चिम बंगाल की सीमा से लगते बांग्लादेश के ठाकुरगांव और पंचगढ़ इलाकों में हजारों हिंदू भारत में प्रवेश करने के लिए जमा हो गए हैं। पंचगढ़ के अटवारी उपजिला के अंतर्गत अलोखावा संघ के अध्यक्ष मोजाकरुल आलम कोच्चि ने बताया कि ठाकुरगांव और पंचगढ़ के विभिन्न इलाकों में हजारों हिंदू बरशालुपारा सीमा के पास पहुंचे हैं। उनका कहना है कि हमलावरों ने उनके घर, दुकान और मंदिरों से कीमती सामान लूट लिया है।
इसके साथ ही चेतावनी दी है कि अगर वापस लौटे, तो जान से मार दिया जाएगा। मोजाकरुल ने बताया कि बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के कर्मियों के अनुरोध के बावजूद हिंदू परिवार घर लौटने को तैयार नहीं हैं, जबकि भारतीय सीमा में प्रवेश के लिए उनके पास वीजा नहीं है। उन्होंने बताया कि फिलहाल सीमा पर करीब 5 हजार से ज्यादा लोग होंगे।
हजारों लोग हुए बेघर
बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों के एक संगठन का नेतृत्व करने वाले राणा दास गुप्ता का कहना है कि हिंदुओं पर हुए हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं। फिलहाल, सटीक संख्या का पता नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन, हजारों लोग घायल और बेघर हो चुके हैं। हिंदुओं के जिन लोगों के घरों पर हमला हुआ है, उनमें से कुछ लोग सीधे तौर पर अवामी लीग की राजनीति से जुड़े थे, लेकिन ज्यादातर आम हिंदू हैं। हमलावर सिर्फ सांप्रदायिक नफरत के चलते हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं। इसे सांप्रदायिक हिंसा नहीं कहा जा सकता, क्योंकि हिंदू आत्मरक्षा और पलटवार की स्थिति में भी नहीं, वे तो बस एक नरसंहार का शिकार हो रहे हैं।