नई दिल्ली। भारत के शेयर मार्केट को धराशायी करने के मकसद से जारी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सोमवार को भारतीय निवेशकों ने आईना दिखा दिया। रिपोर्ट के बाद हफ्ते के पहले कारोबारी दिन बाजार हरे निशान पर झूम रहा है। सेबी ने निवेशकों से शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट पर ज्यादा ध्यान नहीं देने की अपील की थी। आज मार्केट में यह विश्वास दिखा भी। बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को बड़ी साजिश करार दिया। पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर हिंडनबर्ग के हमले के बाद भी भारतीय शेयर बाजार स्थिर है, ये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि वे निवेश को सलाम करते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं। नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैलाते हुए कांग्रेस भारत के खिलाफ नफरत पैदा कर ली है। अगर भारत का शेयर बाजार परेशान हो जाता है तो छोटे निवेशक परेशान होंगे। मगर कांग्रेस को इससे कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि राजनीति में एक है टूलकिट पॉलिटिक्स और दूसरी है चिट पॉलिटिक्स। परीक्षा में चिट मिलने पर कार्रवाई की जाती है। कांग्रेस चिट पॉलिटिक्स कर रही है। अब कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को मिलने वाली चिटों का क्या किया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन बोले- कारण बताओ नोटिस का बदला लेने को सेबी को बनाया निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट बिना किसी विश्वसनीयता के जारी की गई है। यह सामान्य शूट एंड स्टूल किट जैसी है। कारण बताओ नोटिस का बदला लेने के लिए हिंडनबर्ग ने सेबी को निशाना बनाया है। साथ ही नोटिस से ध्यान भटकाने और झूठी कहानी गढ़ने का प्रयास किया है।
केसवन ने कहा कि- जुलाई में सेबी प्रमुख ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया था। इसमें उनसे शेयर बाजार के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर जवाब मांगा गया था। इसके एक महीने बाद हिंडनबर्ग ने कारण बताओ नोटिस के जवाब में एक निराधार रिपोर्ट जारी की।
उन्होंने राहुल गांधी की तुलना ग्रेग चैपल से करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट का सहारा लेकर कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया हिट एंड रन की तरह काम कर रहा है। वह हमारे शेयर बाजार और नियामकों को बदनाम करने और वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने के लिए यह सब कर रहा है। उन्होंने अदाणी समूह की जांच को लेकर 2023 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से सेबी को दिए गए आदेश का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के मामले में एसआईटी जांच से इन्कार कर दिया था और सेबी की जांच को व्यापक बताते हुए भरोसा जताया था। सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग की गतिविधियों और आचरण की जांच करने के लिए भी सेबी को कहा था। इसके बाद सेबी ने कारण बताओ नोटिस दिया। इससे साफ है कि यह रिपोर्ट बदले की भावना से जारी कीइ गई है।