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‘मिशन खिलखिलाहट’ का कमाल, कुपोषण मुक्त हो रहे नौनिहाल

  • बच्चों को दी जा रही पोषण पोटली, खानपान और स्वच्छता को लेकर अभिभावकों की हो रही काउंसलिंग
  • जुलाई से सितंबर माह तक के लिए गोरखपुर में हुआ 47 बच्चों का चयन, आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बनाए जाएंगे सुपोषित
  • कुपोषण मुक्ति के लिए संभव अभियान का हिस्सा है मिशन खिलखिलाहट

गोरखपुर। बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए योगी सरकार के संवेदनशील प्रयासों की कड़ी में एक महत्वपूर्ण मिशन गोरखपुर में चल रहा है। ‘खिलखिलाहट’ नाम के इस मिशन से नौनिहालों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने का कमाल किया जा रहा है। मिशन खिलखिलाहट प्रदेश सरकार के महत्वाकांक्षी संभव अभियान का हिस्सा है और इसमें कई विभागों के अधिकारी आवधिक रूप से अति कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें सुपोषण की राह पर लाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी की पहल पर जुलाई से सितंबर माह तक की तिमाही में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये 47 अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने का बीड़ा उठाया है।

अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए अति कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली उपलब्ध कराई गई है जबकि उनके अभिभावकों को खानपान से लेकर स्वच्छता तक के विषयों पर परामर्श दिया जा रहा है। पोषण पोटली में बच्चों के लिए दूध, सोयाबीन, खजूर, गुड़, चना, अंडा, मूंगफली, मूंग दाल, केला, संतरा, अंगूर, अनार, सेब, बिस्किट आदि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी अति कुपोषित बच्चों को गोद लेने वाले अधिकारी की होती है। पोषण सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकत्रियों द्वारा वितरित की जाती और इसकी मॉनिटरिंग बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की क्षेत्रीय मुख्य सेविका द्वारा की जाती है। एक निर्धारित समय के बाद पोषण पोटली का इस्तेमाल करने वाले अति कुपोषित बच्चे के वजन और स्वास्थ्य के अन्य मानकों की माप की जाती है। इससे बच्चे के पोषण स्तर में आए बदलाव का पता लगाया जाता है। गोरखपुर के मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना बताते हैं कि अति कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए मिशन खिलखिलाहट के बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं, इसलिए इसे अब और तेजी से आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आंकड़े दे रहे कुपोषण से मुक्ति की गवाही

गोरखपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव कुमार बताते हैं कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप कुपोषण से मुक्ति की जंग में आशातीत सफलता मिल रही है। मिशन खिलखिलाहट में चिन्हित अति कुपोषित बच्चे तीन-तीन माह के लिए अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाते हैं। अब तक कुल मिलाकर ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा 120 तथा जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा 53 बच्चों को गोद लिया गया है। इनमें से कुल 58 बच्चे कुपोषण से मुक्त हो चुके हैं। संभव जबकि अभियान में एक साल में अति कुपोषित 6500 बच्चों को चिन्हित किया गया जिनमें से करीब एक हजार बच्चे कुपोषण के दायरे से बाहर आ गए हैं।

कुपोषण से मुक्ति के लिए 2021 से संभव अभियान चला रही सरकार

बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार वर्ष 2021 से संभव अभियान चला रही है। इस समय इसका चौथा चरण चल रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान के काफी सकारात्मक परिणाम आए हैं। इस अभियान में चिन्हित बच्चों का आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण कर आयरन, फोलिक एसिड, मल्टीविटामिन और कैल्शियम की खुराक देने के साथ टीकाकरण भी कराया जाता है। इस अभियान के साथ ही मिशन खिलखिलाहट में जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा अति कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनके लिए पोषण पोटली भी उपलब्ध कराई जा रही है।

Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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