Search
Close this search box.
IAS Coaching
Search
Close this search box.

instagram bio for boys stylish font
instagram vip bio
instagram stylish bio
stylish bio for instagram
sad bio for instagram in hindi
sanskrit bio for instagram
instagram bio in marathi
rajput bio for instagram
facebook status in hindi
facebook page name ideas

NEET-UG पर सबसे बड़ी खबर: दोबारा नहीं होगी परीक्षा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पेपर लीक के पर्याप्त सबूत नहीं

नई दिल्ली। नीट-यूजी परीक्षा मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने की मांग को खारिज कर दिया है और कहा कि रिटेस्‍ट कराने के बड़े परिणाम होंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डेटा से यह नहीं लगता है कि सिस्टेमैटिक ब्रीच हुआ है या पूरी परीक्षा की गरिमा प्रभावित हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अदालत को लगता है कि इस वर्ष के लिए नए सिरे से नीट यूजी का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए होगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करेगा। चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम और भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर भी असर पड़ेगा। यह वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिनके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।

फैसला सुनाते हुए मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और आईआईटी मद्रास की एक रिपोर्ट की जांच की थी, जिसमें बताया गया था कि बड़े पैमाने पर कोई पेपर लीक नहीं हुआ था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस स्तर पर रिकॉर्ड पर ऐसी सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल, हम दागी छात्रों को बेदागी छात्रों से अलग कर सकते हैं। अगर जांच के दौरान दागियों की पहचान होती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई छात्र इस घोटाले में शामिल पाया जाता है तो उसे प्रवेश नहीं मिलेगा। हम पेपर लीक के ठोस सबूत के बिना दोबारा परीक्षा का फैसला नहीं दे सकते हैं। हो सकता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो जांच के बाद पूरी तस्वीर ही बदल जाए।

कोर्ट ने कहा कि हमें लगता है कि नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जो परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों के लिए और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करेगा। सुनवाई के दौरान, 711 अंक हासिल करने वाले याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा में एक प्रश्न को चुनौती दी जिसमें अस्पष्ट विकल्प थे। याचिकाकर्ता के अनुसार, उक्त प्रश्न का विकल्प 4 अद्यतन एनसीईआरटी संस्करण के अनुसार सही उत्तर था। हालाँकि, विकल्प 2 चुनने वाले छात्रों को अनुग्रह अंक भी दिए गए क्योंकि यह एनसीईआरटी के पिछले संस्करणों के अनुसार सही था। विशेषज्ञों के एक पैनल ने सवाल की जांच की और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समिति ने स्पष्ट रूप से कहा है कि केवल एक ही विकल्प था, जो विकल्प 4 है। इसलिए एनटीए अपनी उत्तर कुंजी में सही था जो कि विकल्प 4 था।

Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

Share this post:

Digital Griot

खबरें और भी हैं...

best business ideas in Hyderabad

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

Read More