नई दिल्ली। आजादी के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच वैसे तो 3 युद्ध हो चुके हैं। पहला 1965, दूसरा 1971 और तीसरा 1999 में। लेकिन सबसे भयानक और लंबा चलने वाला युद्ध था करगिल दिवस जो 1999 में हुआ था। भारत ने पाक के खिलाफ तीनों युद्ध जीते हैं। लेकिन कारगिल विजय दिवस कारगिल युद्ध में भारत की जीत, भारतीय जवानों को श्रद्धांजलि और उनकी वीरता को नमन करने के लिए मनाया जाता है। ये दिन भारतीय सेना के हर उस जवान को समर्पित है, जिन पर हर हिंदुस्तानी को गर्व है। आज देशभर में करगिल दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य मंत्रियों व नेताओं ने कारगिल में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि करगिल विजय दिवस देश के सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण वीरता को श्रद्धांजलि देने का एक अवसर है। गौरतलब है, करगिल विजय दिवस 1999 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत को चिह्नित करने के लिए हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। भारतीय सेना ने लद्दाख की महत्वपूर्ण पहाड़ियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे धकेलने के लिए भीषण जवाबी कार्रवाई की थी।
सभी देशवासी उनके त्याग और शौर्य से प्रेरणा प्राप्त करेंगे: मुर्म
मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण पराक्रम के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र द्वारा सम्मान प्रकट करने का अवसर है। 1999 में करगिल की चोटियों पर भारत मां की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सेनानी को मैं श्रद्धांजलि देती हूं और उनकी पावन स्मृति में नमन करती हूं। मुझे विश्वास है कि सभी देशवासी उनके त्याग और शौर्य से प्रेरणा प्राप्त करेंगे। जय हिंद! जय भारत!’
पीएम मोदी ने करगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया नमन
पीएम मोदी ने करगिल विजय दिवस पर शहीदों का नमन किया। करगिल युद्ध भारत की जीत की याद दिलाता है और बहादुरी से लड़ने वाले सैनिकों के बलिदान का सम्मान करता है। करगिल विजय दिवस भारतीयों के लिए बेहद खास है, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस 1999 में करगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत की याद में मनाया जाता है। 1999 के करगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी द्रास पहुंचे हैं। श्रद्धांजलि समारोह के बाद शिंकुला सुरंग परियोजना का उद्घाटन करके वर्चुअली इसकी शुरुआत करेंगे।
1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़े थे: रक्षा मंत्री
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कारगिल युद्ध के दौरान बहादुरी से लड़ने वाले सशस्त्र बल के जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर हम उन बहादुर सैनिकों की अदम्य भावना और साहस को याद करते हैं जो 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़े थे। उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
हम कारगिल के नायकों से प्रेरणा लेते
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और सशस्त्र बलों के सभी अधिकारियों ने भी बहादुरों के सर्वोच्च बलिदान को याद किया। सेना के मुख्यालय ने कहा, ‘हम कारगिल के नायकों से प्रेरणा लेते हैं और हम साहस, सम्मान और बलिदान के साथ अपने देश की रक्षा करके उनकी विरासत का सम्मान करना जारी रखेंगे।’
हर साल मनाया जाता है करगिल विजय दिवस
करगिल युद्ध भारत की जीत की याद दिलाता है और बहादुरी से लड़ने वाले सैनिकों के बलिदान का सम्मान करता है। करगिल विजय दिवस भारत में एक महत्वपूर्ण दिवस है, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस 1999 में करगिल युद्ध में भारतीय सेना की जीत की याद में मनाया जाता है।