वॉशिंगटन, एजेंसी। इस साल गर्मी के मौसम में सबसे अधिक तपिश महसूस की गई जिससे 2024 का वर्ष सर्वाधिक गर्म साल रहने की संभावना बढ़ गई है। यूरोपीय जलवायु सेवा ‘कॉपरनिकस’ ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी दी। वैज्ञानिकों ने कहा कि इस साल टूटे रिकॉर्ड पिछले साल ही बने थे जब मानव-जनित जलवायु परिवर्तन एवं अल नीनो के प्रभाव के कारण तापमान चरम स्तर पर पहुंच गया था।
‘कॉपरनिकस’ के अनुसार, जून, जुलाई और अगस्त को उत्तरी मौसम विज्ञान ग्रीष्मकालीन समय कहा जाता है और इस दौरान औसत (न्यूनतम) तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस रहा जो 2023 के रिकॉर्ड से 0.03 डिग्री अधिक है। ‘कॉपरनिकस’ के पास 1940 से आंकड़े उपलब्ध हैं जबकि अमेरिकी, ब्रिटिश और जापानी जलवायु सेवाओं के पास 19वीं शताब्दी के मध्य से आंकड़े उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, आंकड़े दिखाते हैं कि पिछला दशक सबसे गर्म रहा।
जलवायु संकट की गिरफ्त में फंस रहे….‘पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट रिसर्च’ में जलवायु वैज्ञानिक स्टीफन रैम्सस्टॉर्फ ने कहा, ये आंकड़े दर्शाते हैं कि किस तरह से हम जलवायु संकट की गिरफ्त में फंसते रहे हैं। अब हम शेष कुछ माह में बहुत बड़ा परिवर्तन नहीं कर सकते हैं।
गत वर्ष के मुकाबले जून ज्यादा गर्म
‘कॉपरनिकस’ के निदेशक कार्लो ब्यूनटेंपो ने कहा, 2024 और 2023 दोनों ही वर्षों में अगस्त के महीने में 16.82 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। गर्मी के मामले में जुलाई का रिकॉर्ड नहीं टूटा लेकिन इस साल जून माह पिछले साल की तुलना में ज्यादा गर्म रहा। यही वजह रही कि औसतन ज्यादा गर्म मौसम दर्ज किया गया।