लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित ऊर्जा विभाग के साथ बैठक में प्रदेश में बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण की अद्यतन स्थिति व भविष्य के दृष्टिगत जारी प्रयासों की समीक्षा की तथा सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विगत 07 वर्षों में प्रदेश में ‘हर घर बिजली-निर्बाध बिजली’ का संकल्प पूरा हो रहा है। हर गांव-मजरे तक बिजली पहुंचाई जा रही है। यह सुखद है कि आज बिना किसी भेदभाव अथवा वी0आई0पी0 कल्चर के विद्युत आपूर्ति की जा रही है। इस बार भीषण गर्मी के बीच आम जन की सुविधा के लिए अतिरिक्त प्रयास करते हुए 15 मार्च से 30 जून तक पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की गई। विभिन्न हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के अतिरिक्त आज प्रदेश में अनपरा, हरदुआगंज, ओबरा, पारीछा और जवाहरपुर में 22 थर्मल परियोजनाएं सफलतापूर्वक चल रही हैं। घाटमपुर, पनकी, ओबरा-सी तथा जवाहरपुर में निर्माणाधीन इकाइयों का कार्य तेजी के साथ पूरा करा लिया जाए। रिहंद बांध, ओबरा जलाशय तथा इसके आस पास के क्षेत्र में पम्प स्टोरेज प्लांट स्थापित किये जाने की सम्भावना का अध्ययन कराया जाए। बिजली की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है।
वर्ष 2018-19 में एक दिन में सर्वाधिक 20,062 मेगावॉट की मांग रही, जो इस सत्र में 13 जून को 30618 मेगावॉट तक पहुंच गई थी। आम जनता की आवश्यकता के दृष्टिगत इस वर्ष गर्मी के मौसम में निर्बाध बिजली आपूर्ति की गई। मांग के सापेक्ष बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हर घर बिजली-निर्बाध बिजली’ के संकल्प की पूर्ति में विद्युत पारेषण तंत्र को और बेहतर किया जाना आवश्यक है। नए सब स्टेशन स्थापित करने से पूर्व वहां की आवश्यकता का अवश्य अध्ययन किया जाए। अगले पांच वर्षों की आवश्यकता के अनुरूप लक्ष्य निर्धारित करते हुए नए सब स्टेशनों की स्थापना कराई जाए। अनावश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर चार्ज को कम किया जाए। आम जन की सुविधा और सहूलियत को प्राथमिकता प्रदान की जाए। समय पर सही बिल की उपलब्धता तथा सभी उपभोक्ताओं से बिल की राशि का संग्रह करना, पावर कॉर्पोरेशन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। प्रत्येक दशा में उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ओवरबिलिंग तथा लेट बिलिंग से उपभोक्ता को परेशानी होती है। उसके मन में निराशा का भाव उत्पन्न होता है तथा वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। उपभोक्ताओं से संवाद बनाने के लिए डिस्कॉम से लेकर फीडर तक सभी अधिकारियों को ठोस प्रयास करना होगा। नियोजित प्रयासों से लाइन लॉस में लगातार कमी आ रही है। बिजली चोरी को रोकने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं।