लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में सरकार के मंत्री आपस में लड़ रहे हैं। जनता के लिए सोचने वाला कोई नहीं बचा है। शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस का फैसला भी जल्दबाजी में लिया गया था। अभी इस फैसले को स्थगित किया गया है जब निरस्त किया जाएगा तो मांग पूरी होगी। उन्होंने कहा कि लखनऊ में सरकार कमजोर पड़ गई है इसलिए फैसले को टाला गया है। भाजपा के लोगों ने कुर्सी की लड़ाई में सब खत्म कर दिया। अखिलेश यादव बुधवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में, उप्र में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है।
तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।
जनता के बारे में सोचनेवाला…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2024
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि दलाली हो रही है। ये लोग कमजोर पड़ गए हैं। उपचुनाव के कारण शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस का फैसला टाला गया है। इन लोगों ने कुर्सी के चक्कर में जनता को अपने हाल पर छोड़ दिया है। प्रदेश में बाढ़ आई हुई है लेकिन उसकी किसी को फिक्र नहीं है। ये लोग घबरा गए हैं कि कहीं उपचुनाव में सभी 10 सीटों पर ही चुनाव न हार जाएं।
बता दें कि भाजपा कार्यसमिति की बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बयान दिया था कि सरकार से बड़ा संगठन होता है। इसे लेकर पार्टी में सियासी आग भड़क उठी। केशव मौर्य एक महीने में प्रदेश में कैबिनेट व अन्य बैठकों में भी नहीं पहुंचे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली बुलाकर भी बात की। इससे सरकार और संगठन में मनमुटाव होने की बात सामने आई।