कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ-सबका विकास’ नारा दिया था और सबको साथ लेकर चलने की बात कही थी। लेकिन पश्चिम बंगाल बीजेपी के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा ि क ‘सबका साथ-सबका विकास’ नहीं चािहए। पार्टी को तुरंत अल्संख्यक मोर्चा भंग कर देना चािहए। बंगाल के चुनावों में मिली हार और िहन्दुओं पर हो रहे हमले को लेकर उन्होंने यह बयान दिया, जिसके बाद सियासी भूचाल आ गया है।
कोलकाता में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा, पाटी को आगे बढ़ाने के िलए अब हमें नया नारा लेकर चलना होगा। ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी और आप सभी ने भी कहा था कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ लेकिन मैं इसे अब और नहीं कहूंगा, बल्कि अब हम कहेंगे ‘जो हमारे साथ हम उनके साथ’, सबका साथ, सबका विकास बंद करो’, अल्पसंख्यक मोर्चे की जरूरत नहीं है।
अधिकारी की नाराजगी के पीछे वजह
‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में दिया था। उन्होंने जाति और धर्म से परे सभी भारतीयों के समान विकास और साथ लेकर चलने की बात कही थी। सुवेंदु की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब वोटिंग पैटर्न के विश्लेषण से पता चला है कि बंगाल में बीजेपी की जीत में अल्पसंख्यक समुदाय बड़ी बाधा बनकर उभरा है। यही वजह है कि भाजपा लोकसभा चुनाव में 42 सीटों में से 30 जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही थी, मगर उसे सिर्फ 12 पर संतोष करना पड़ा। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को शिकस्त झेलनी पड़ी।
50 लाख हिन्दू नहीं डाल पाए वोट
सुवेंदु अधिकारी ने एक पोर्टल भी लांन्च िकया, जिसपर वे मतदाता अपनी िशकायत दर्ज करा पाएंगे, जिन्हें वोट करने से रोक दिया गया, या िकन्हीं वजहों से वे वोट नहीं डाल पाए। अधिकारी ने ट्वीट किया, लोकसभा चुनाव में करीब 50 लाख हिंदुओं को वोट नहीं डालने दिया गया। राज्य में हुए चार उपचुनावों में 2 लाख से अधिक हिंदुओं को वोट नहीं डालने दिया गया। यह क्या हो रहा है।