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UPS से सरकारी कर्मचारी को फायदा होगा या नुकसान? दूर कर लीजिए हर कनफ्यूजन

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है। इसमें में शामिल होने वाले कर्मचारियों की पेंशन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी क्योंकि इसमें सरकार का योगदान 14% से बढ़कर 18.5% होने वाला है। TOI के लिए UTI पेंशन फंड द्वारा किए गए कैलकुलेशन से पता चलता है कि 50,000 रुपये के मासिक वेतन पर जुड़ने वालों के लिए यह बढ़ोतरी लगभग 19% होगी और उनके कॉर्पस में सालाना 3% की वृद्धि होगी। सालाना उनके कॉर्पस में 8% की चक्रवृद्धि बढ़ोतरी होगी जो तीनों फंड मैनेजर्स द्वारा दिए जा रहे रिटर्न से कम है। यह कॉर्पस और भी बड़ा हो सकता है क्योंकि इसमें सर्विस पीरियड के दौरान मिलने वाले महंगाई भत्ते और वेतन आयोग अवॉर्ड्स को शामिल नहीं किया गया है। इसी तरह मासिक पेंशन पेमेंट में महंगाई राहत यानी डीआर को शामिल नहीं किया गया है।

वर्तमान में, सरकारी कर्मचारियों के लिए तीन पेंशन फंड मैनेजर SBI, LIC और UTI हैं। एनपीएस ट्रस्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2008 में स्थापना के बाद से, एसबीआई पेंशन फंड द्वारा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 9.75% का उच्चतम रिटर्न दिया गया है जबकि राज्य सरकारों के लिए एलआईसी पेंशन फंड ने जून 2009 से 9.56% का उच्चतम रिटर्न दिया है। इसी तरह यूटीआई पेंशन फंड ने एन्युटीज पर 6% सालाना रिटर्न के आधार पर कैलकुलेशन की है जबकि बीमा कंपनियों द्वारा वर्तमान में 5.6% से 7% से अधिक रिटर्न की पेशकश की जाती है। नियमों के तहत सरकारी कर्मचारियों के पास तीन निवेश विकल्प हैं। इसमें डिफॉल्ट ऑप्शन का उपयोग 95% ग्राहक करते हैं। यह सरकारी प्रतिभूतियों में 65%, इक्विटी में 15% और कॉर्पोरेट ऋण में 20% निवेश की अनुमति देता है।

कितना फायदा, कितना नुकसान

पूरा पैसा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने का विकल्प भी है। तीसरा विकल्प मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड है। यह 35 वर्ष तक के लोगों को कॉर्पस का 50% इक्विटी में, 30% कॉर्पोरेट बॉन्ड में और शेष 20% सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की अनुमति देता है। जब ग्राहक 35 वर्ष का हो जाता है, तो इक्विटी के लिए आवंटन में सालाना 2% की गिरावट आती है। जब वह 55 वर्ष का हो जाता है, तो 80% कॉर्पस सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है और शेष 20% को इक्विटी और कॉर्पोरेट बॉन्ड के बीच समान रूप से विभाजित करने की अनुमति दी जाती है।

फंड मैनेजरों ने कहा कि पेंशन के रूप में 12 महीनों के लिए औसत वेतन का 50% कमाने के लिए कॉर्पस बड़ा होना चाहिए। सरकार द्वारा 14% योगदान के साथ उद्देश्य पूरा नहीं होगा। यही वजह है कि इसे बढ़ाकर 18.5% किया गया है। साथ ही कर्मचारी के योगदान को 10% पर बनाए रखा गया है। आगे चलकर अगर बाजार रिटर्न में गिरावट आता है तो सरकार को अपने योगदान का हिस्सा बढ़ाना पड़ सकता है। पेंशन फंड रेगुलेटर एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के पूर्व अध्यक्ष डी स्वरूप ने कहा कि यूपीएस रिटायर हो रहे कर्मचारियों के लिए अच्छा है। लेकिन वे संभावित रूप से अधिक रिटर्न अर्जित करने का अवसर खो देंगे। अधिकांश सरकारी कर्मचारियों के लिए 50% का सुनिश्चित रिटर्न एक सुरक्षित दांव लगता है।

Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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