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बच्चे के जन्म के साथ खर्चों का बनाएं बजट, कमाई व अन्य वित्तीय जिम्मेदारियों का आकलन करें

माता-पिता बनना सबसे रोमांचकारी है। हालांकि, कुछ लोगों में यह उतनी खुशियां वाला पल नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर, कुछ महीने बाद हमारा किरायेदार अमित पिता बनने वाला था, जिसके चेहरे पर इसकी खुशी नहीं थी। जब अमित व उनकी पत्नी अंजलि ने यह खबर दी, तो हम उनके लिए खुश थे। अमित पहले तो बात करने से झिझक रहे थे, लेकिन जब उसकी और मेरी पत्नी कुछ बातचीत के लिए दूसरे कमरे में गईं तो उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि वह नए खर्चों को लेकर तनाव में हैं। इससे वे दो बेडरूम की जगह एक बेडरूम वाला घर देख रहे हैं। मैं नई वित्तीय जिम्मेदारियों को लेकर उनकी चिंताओं को समझ सकता था।

बच्चों के जन्म-विवाह सबसे बड़े खर्च

मैंने उनसे एक चाचा के रूप में कहा, उनकी चिंताएं बिल्कुल सही थीं। उन्हें इस पर स्पष्ट रूप से सोचने की जरूरत है। भारतीय परिवार अक्सर अपने जीवन में दो घटनाओं को लेकर अतिशयोक्ति करते हैं। इनमें बच्चों का जन्म और विवाह। घर खरीदने के बाद यही दोनों सबसे बड़े खर्च होते हैं। जब बच्चे के जन्म की बात आती है, तो खर्च इसलिए अधिक होता है, क्योंकि कोई उसके लिए योजना नहीं बनाता है। आजकल गर्भधारण की पुष्टि करने वाले पहले टेस्ट से ही बच्चे का जन्म महंगा हो गया है। डॉक्टर के पास नियमित जाना, स्वस्थ प्रसव के लिए बेहतर आहार व मूड में बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। दोहरी आय वाले परिवारों के लिए अनिश्चित काल के लिए एक आय कम होने की आशंका वित्तीय चिंताओं को बढ़ा सकती है।

खर्चे ज्यादा न बढ़ाएं, जरूरत पर ध्यान दें

नए माता-पिता बनने वाले नए लोगों को खर्च ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए। जरूरी खर्चों पर ही ध्यान देना चाहिए। यह व्यक्तिगत पसंद है कि पत्नी गर्भावस्था के बाद भी काम करती रहे। अपने जीवन को सिर्फ माता-पिता बनने तक ही सीमित न रखें। यदि आप आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, तो माता-पिता, भाई-बहनों और करीबी दोस्तों से सहायता लें। उदाहरण के लिए, आप अपने माता-पिता से प्रसव और अस्पताल के खर्चे देने को कह सकते हैं। भाई-बहन से नामकरण समारोह के लिए पैसे ले सकते हैं। दोस्तों से बच्चे के जन्म का कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कह सकते हैं। इस तरह वे यह भी समझ पाएंगे कि वे किस लिए योगदान दे रहे हैं और यह नहीं सोचेंगे कि सारा पैसा कहां जा रहा है।

शुरुआती स्तर से ही बनाएं योजना

बच्चे के स्कूल शुरू होने से पहले अगले कुछ वर्षों में होेने वाले सभी खर्चों के लिए अभी से शुरुआत करें। यदि यह समझ में आता है, तो प्रारंभिक चरण में भावनात्मक और वित्तीय सहायता के लिए अपने माता-पिता को साथ चलने के लिए कहें। यदि यह विकल्प नहीं है, तो एक विकल्प के रूप में पूर्णकालिक नौकरानी पर विचार करें। अब, बड़े खर्चों पर ध्यान दें। पत्नी के साथ बैठें। वित्तीय स्थिति को जांचें। योजना बनाएं कि आप जीवन में क्या जोड़ना चाहते हैं।

बच्चे को मिले उपहारों का सही उपयोग करें

परिवार से बच्चे को मिलने वाले उपहारों का उपयोग कॉलेज की शिक्षा के लिए निवेश में करना बेहतर होता है। उनके स्कूल जाने से पहले ही कॉलेज के लिए बचत करने के लिए एक फंड शुरू करने से यह सुनिश्चित होगा कि आप योजना के प्रति प्रतिबद्ध हैं। मैंने अमित को फ्लैट में रहना जारी रखने के लिए कहा और उनके नवजात शिशु को उपहार के रूप में वर्ष के लिए किराया वृद्धि माफ कर दी।

अब बारी स्कूल खर्चों के लिए बचत की

डे-केयर और कुछ साल बाद स्कूल में प्रवेश जैसे खर्चों के लिए बचत शुरू करें। बचत और निवेश योजना आपको इस लक्ष्य के लिए फंड बनाने में मदद कर सकती है। आप अन्य नए माता-पिता के साथ उनकी ओर से किए गए खर्चों पर चर्चा कर सकते हैं और खुद को तैयार कर सकते हैं।
याद रखें कि आप बच्चे के प्रति सर्वोत्तम हित रखते हैं। इसलिए अपने बच्चे पर किसी अन्य माता-पिता के उदार खर्च से प्रभावित न हों। अन्य माता-पिता खर्च करने की बेहतर स्थिति में हो सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उनसे बराबरी करने की जरूरत है।

Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

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