Search
Close this search box.
IAS Coaching
Search
Close this search box.

शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते है

पूरी दुनिया में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को साक्षर होने और सामाजिक और मानव विकास के अपने अधिकारों को जानने की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना है। मानव विकास समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। गरीबी को मिटाना, बाल मृत्यु दर को कम करना, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि सभी साक्षरता से ही संभव है। साक्षरता का मतलब सिर्फ पढ़ना लिखना ही नहीं बल्कि यह समान अवसर तथा विकास से जुड़ा विषय है।

लोगों को साक्षर होने और सामाजिक और मानव विकास के अपने अधिकारों को जानने की जरूरत के बारे में जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन लोगों को बेहतर शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। यूनेस्को इस दिन लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और गांवों में कई कार्यक्रम आयोजित करता है। मानव विकास और समाज के लिए उनके अधिकारों को जानने और साक्षरता की ओर मानव चेतना को बढ़ावा देने के लिए विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है। 1967 से साक्षरता के महत्व की याद दिलाने और अधिक साक्षर और टिकाऊ समाज की दिशा में साक्षरता एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए दुनिया भर में हर साल अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस समारोह आयोजित किए जाते हैं दुनिया भर में लगातार प्रगति के बावजूद, साक्षरता चुनौतियां बनी हुई हैं इस दिन का उद्देश्य लोगों, समुदायों, और समाज के लिए साक्षरता के मूल्य को जोर देना है, क्योंकि साक्षरता शिक्षित और कुशल समाज का निर्माण करती है।

अक्षरों का ज्ञान यानी पढ़ने और लिखने का ज्ञान ये वो शक्ति है जो सशक्त और उन्नत समाज का निर्माण करती है। साक्षरता की ताकत किसी भी घर, परिवार और समाज के साथ उस देश के विकास की नींव को मजबूत करता है। लोगों को साक्षरता के महत्व और इसके लाभ के बारे में जागरूक करने के लिए हर विश्व साक्षरता दिवस 8 सितंबर को मनाया जाता है। भारत में भी साक्षरता बढ़ाने की दिशा में कई अभियान चलाए जा रहे हैं।

भारत सहित दुनिया के कई देशों में शिक्षा पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। ऐसे में देश के हर नागरिक को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जागरूक करना ही विश्व साक्षरता दिवस का मुख्य उद्देश्य है। भारत में इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से ‘सर्व शिक्षा अभियान‘ बीते कई सालों से चलाया जा रहा है और साक्षरता की दिशा में इस अभियान ने सराहनीय काम किया है।

शिक्षा एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो हर किसी के जीवन में बहुत उपयोगी है। शिक्षा वह है जो हमें पृथ्वी पर अन्य जीवित प्राणियों से अलग करती है। यह मनुष्यों को सशक्त बनाता है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का कुशलता से सामना करने के लिए तैयार करता है। कहा जा रहा है कि, शिक्षा अभी भी एक लक्जरी है और हमारे देश में एक आवश्यकता नहीं है। शिक्षा को सुलभ बनाने के लिए देश में शैक्षिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है।जब लोगों को पता चलता है कि इसका क्या महत्व है, तो क्या वे इसे एक अच्छे जीवन के लिए एक आवश्यकता मान सकते हैं। इस निबंध में, हम शिक्षा के महत्व को देखेंगे और यह कैसे सफलता के लिए एक द्वार है।

किसी देश में शिक्षा का स्तर जितना अधिक होगा, विकास की संभावना उतनी ही बेहतर होगी। इसके अलावा, यह शिक्षा विभिन्न तरीकों से एक व्यक्ति को भी लाभ पहुंचाती है। यह एक व्यक्ति को एक बेहतर और सूचित निर्णय लेने में मदद करता है। इससे व्यक्ति के जीवन में सफलता की दर बढ़ती है। शिक्षा से ही हम अपने भविष्य रुपी सपनों को पूरा कर सकते हैं और अपने जीवन को सही दिशा दे सकते हैं। बिना शिक्षा के हम में और पृथ्वी पर रहने वाले अन्य जीवों में कुछ भी अंतर नहीं रह जाता है। आजकल जीवनयापन के लिए काम करना हर किसी की आवश्यकता है, जिसके लिए हमारा शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। शिक्षा से ही नए रोज़गारों की कल्पना की जा सकती है। वर्तमान में ज्ञान की शक्ति वाले देश ही सबसे ताकतवरों की पंक्ति में शामिल हैं।

अगर हम दूसरे प्रगतिशील देशों की बात करें जैसे अमेरिका, जापान, इंग्लैंड आदि तो वहां पर शिक्षा सैद्धांतिक ना होकर व्यवहारिक रूप में प्रचलित है जिसके परिणामस्वरूप वह सभी देश दिन-प्रतिदिन प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं और वहां के बच्चों व युवाओं के लिए पढ़ाई उनके लिए बोझ ना बनकर उनकी प्रगति व उनके सपनों को साकार करने का एक अचूक साधन है।

दूसरी ओर यदि हम भारत देश की बात करें, तो यहां शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने व सिर्फ परीक्षाओं को पास करने की संकीर्ण सोच तक सीमित बनकर रह गई है। वही रटे-रटाए नियमों को प्राइमरी शिक्षा से लेकर परास्नातक की शिक्षा तक ना जाने कितने ही वर्षों से दोहराया जा रहा है जिस कारण बच्चों व नौजवानों को स्वयं आत्ममंथन व चिंतन करने तक का वक्त नहीं मिल पाता है जिससे कि वो विषय की गहराई को समझ सकें और उसे जीवन में व्यवहारिक रूप दे सकें और देश के विकास में सहयोग कर सकें।

वर्तमान में विश्व की करीब 84 प्रतिशत आबादी साक्षर है। भारत की साक्षरता दर की बात करें तो साल 2011 में भारत की कुल साक्षरता दर 74.4% है। 1947 में देश की साक्षरता मात्र 18% थी। वहीं देश में सबसे अधिक साक्षरता वाला राज्य केरल है जहां 94% जनसंख्या साक्षर है। सबसे कम साक्षरता वाला राज्य बिहार है, जहां 61% लोग साक्षर हैं।

शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते है। शिक्षा का महत्त्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह हमें ज्ञान, कौशल, आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, और समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाने में मदद करती है। शिक्षा हमारे व्यक्तित्व, चरित्र, और आदर्शों का निर्माण करती है। शिक्षा हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाती है और हमें देश के विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर देती है। सबसे बढ़कर, शिक्षा व्यक्ति के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है और उन्हें जीवन में बहुत चीजों के बारे में जागरूक बनाती है। जब हम देश के नजरिए से बात करते हैं तो भी शिक्षा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पढ़े-लिखे लोग देश के बेहतर उम्मीदवार को वोट देते हैं। यह किसी राष्ट्र की वृद्धि और विकास को सुनिश्चित करता है। एक शिक्षित आदमी के पास नौकरी के बहुत सारे अवसर होते हैं जो दरवाजे के दूसरी ओर उनकी प्रतीक्षा करते हैं।

वर्तमान में शिक्षा का वैश्वीकरण अपरिहार्य हो गया है। इस मामले में कई पहलुओं पर भी विचार किए जाने की जरूरत है। यह देखना जरूरी है कि जो आंचलिक भाषा में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, प्रतिस्पर्धा की इस दुनिया में कहीं वे विद्यार्थी पिछड़ न जाएं। वैश्वीकरण के इस युग में स्थानीय संस्कृति, नैतिक मूल्य, पारंपरिक ज्ञान, ग्रामीण-शहरी, स्त्री-पुरुष, विकसित-विकासशील के बीच बढ़ते अंतराल से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चिंतन की आवश्यकता है।

आखिर में , शिक्षा आपको एक बेहतर इंसान बनाती है और आपको कई स्किल्स सिखाती है। यह आपकी बुद्धि और तर्कसंगत निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाती है। जिससे व्यक्ति के व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिलता है। शिक्षा किसी देश की आर्थिक वृद्धि में भी सुधार करती है। सबसे बढ़कर, यह देश के नागरिकों के लिए एक बेहतर समाज के निर्माण में मदद करती है। यह अज्ञानता के अँधेरे को ख़त्म करके दुनिया में रौशनी लाने में मदद करती है।

Aryavart Kranti
Author: Aryavart Kranti

Share this post:

Digital Griot

खबरें और भी हैं...

best business ideas in Hyderabad

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

Read More