मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास में नवीनीकरण में अनियमितताओं के मामले में पहली बार अधिकारिक कार्रवाई की गई है। इस मामले में कार्यकारी अभियंता विनय चौधरी और सहायक अभियंता रजत कांत को निलंबित कर दिया गया है। दोनों अभी दिल्ली सरकार में तैनात हैं।
वहीं, इस मामले में पांच अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एलजी ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है। इसके लिए सतर्कता निदेशालय ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को पत्र लिखकर कार्रवाई पर रिपोर्ट मांगी है। यह सभी सीएम के सिविल लाइंस स्थित फ्लैग स्टाफ रोड पर आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में शामिल थे।
दिल्ली लोक निर्माण विभाग में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अभियंता काम करते हैं। सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक को मंगलवार को लिखे पत्र में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पांच अधिकारियों के खिलाफ निलंबन से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
उन्होंने जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है, उनमें दो सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें तत्कालीन प्रधान मुख्य अभियंता एके आहूजा और तत्कालीन कार्यकारी अभियंता (केंद्रीय और नया डिवीजन) के शिबनाथ धारा हैं। दोनों के खिलाफ बड़े जुर्माने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की गई है।
इनके अलावा तत्कालीन मुख्य अभियंता (पूर्व मंडल) पीके परमार, प्रधान मुख्य अभियंता अशोक कुमार राजदेव और अधीक्षक अभियंता अभिषेक राज हैं। तीनों अधिकारी इस समय दिल्ली से बाहर तैनात हैं। गौरतलब है कि बीते वर्ष सतर्कता निदेशालय ने सीएम आवास के नवीनीकरण पर लगभग 53 करोड़ रुपये के बेकार खर्च का आरोप लगाते हुए अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इनके अलावा तत्कालीन मुख्य अभियंता (पूर्व मंडल) पीके परमार, प्रधान मुख्य अभियंता अशोक कुमार राजदेव और अधीक्षक अभियंता अभिषेक राज हैं। तीनों अधिकारी इस समय दिल्ली से बाहर तैनात हैं। गौरतलब है कि बीते वर्ष सतर्कता निदेशालय ने सीएम आवास के नवीनीकरण पर लगभग 53 करोड़ रुपये के बेकार खर्च का आरोप लगाते हुए अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।