गर्भवती महिला को अक्सर सलाह दी जाती है कि यह न करें वो न करें। डाइट में इन चीजों को शामिल करें। ऐसी लाइफस्टाइल रखें। प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर चीनी और नमक का ज्यादा इस्तेमाल से मना किया जाता है। क्योंकि इससे कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती है। प्रेग्नेंसी को दौरान हद से ज्यादा नमक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। आइए एबीपी लाइव हिंदी के स्पेशल सीरीज मिथ और फैक्ट में जानें इस बात में कितनी सच्चाई है।
प्रेग्नेंसी में कितना नमक खाना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा नमक खाना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। नमक खाने से शरीर में कई सारी दिक्कत हो सकती है। भ्रूण विकास में नमक बेहद जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक सीमित मात्रा में नमक खाना चाहिए। गर्भवती महिला को हर दिन 3।8 ग्राम नमक खाना चाहिए। 1 दिन में 5.8 ग्राम से अधिक नमक न खाएं इससे कई तरह की परेशानी हो सकती है।
नमक के बिना कोई भी खाने का स्वाद फीका हो जाता है। देखा जाए तो यह हमारी डाइट का अहम हिस्सा होता है। शरीर में सोडियम की कमी के कारण कई सारी दिक्कतें हो सकती है। अगर आप गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो प्रेग्नेंसी के दौरान सीमित मात्रा में नमक खाएं। आइए जानें प्रेग्नेंसी के दौरान नमक खाने के क्या फायदे होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण के विकास के लिए नमक बेहद जरूरी चीज होती है। आयोडीन शिशु के लिए बेहद जरूरी होता है। आयोडिन से नर्वस सिस्टम और ब्रेन का विकास होता है।
हद से ज्यादा नमक खाने से होने वाले नुकसान
गर्भावस्था के दौरान बहुत ज़्यादा नमक खाने से प्रीक्लेम्पसिया, गर्भपात और गर्भावस्था के प्रतिकूल परिणामों जैसी जटिलताओं का जोखिम बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नमक शरीर में पानी को बनाए रखता है। जिससे हाई बीपी और सूजन हो सकती है। प्रीक्लेम्पसिया के कारण समय से पहले प्रसव, कम वजन का जन्म और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
एनएचएस की सलाह है कि गर्भवती महिलाओं को अपने नमक का सेवन प्रतिदिन 6 ग्राम तक सीमित रखना चाहिए। नमक का सेवन कम करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं।पैक्ड फूड जैसे सोया सॉस, सरसों और मेयोनेज़ जैसे टेबल सॉस का उपयोग सीमित करें खाना बनाते समय या खाना तैयार होने के बाद नमक डालने से बचें घर पर खाना बनाएं।