नई दिल्ली, एजेंसी। भारत से बड़ी संख्या में बांग्लादेश के लिए कफ सिरप की तस्करी की जा रही है। भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तस्करी की कोशिश करते हुए पकड़े गए तस्करों ने बीएसएफ अधिकारियों को बताया कि भारतीय कफ सिरप का बांग्लादेश में कई तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह खांसी सही करने के लिए तो है ही, साथ ही कुछ लोग इसे नशा करने के लिए भी पी रहे हैं। इससे पश्चिम बंगाल के रास्ते बड़ी संख्या में भारत से बांग्लादेश के लिए कफ सिरप की स्मगलिंग की जा रही है।
डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का कफ सिरप जब्त
हाल यह है कि दो महीने में ही डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का कफ सिरप जवानों ने जब्त किया है। जबकि जो पकड़ा नहीं गया उसकी कीमत पकड़े गए कफ सिरप से कहीं अधिक मानी जा रही है। 29 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों के अंतर्गत भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवानों ने अलग-अलग ऑपरेशन में तीन हजार से अधिक कफ सिरप की बोतलें जब्त की हैं।
बांग्लादेश में भारतीय सिरप की ज्यादा डिमांड
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों का कहना है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर बड़ी मात्रा में मादक पदार्थों की तस्करी करने की कोशिश की जा रही है। इसमें बांग्लादेश में भारतीय कफ सिरप की जबरदस्त डिमांड है। कुछ दिन पहले ही मुर्शिदाबाद जिले में बीएसएफ ने मुरूटिया पुलिस के साथ मिलकर कफ सिरप की 13 हजार 602 बोतल जब्त की थीं। बीएसएफ साउथ बंगाल के डीआईजी एन. के. पांडे ने बताया कि इस तरह की तस्करी को देखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा और आसपास के इलाकों में निगरानी और अधिक बढ़ा दी गई है। बीएसएफ जवान इलाके पर सक्रिय रूप से नजर रख रहे हैं। जवान यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि देश की सीमा सुरक्षित रहे।
मेडिकल स्टोर पर बढ़ी डिमांड?
बांग्लादेश में तस्करी किए जाने की वजह से आमतौर पर बांग्लादेश बॉर्डर से लगते भारतीय इलाकों के मेडिकल स्टोर पर कफ सिरप लगभग आउट ऑफ स्टॉक ही रहता है। पश्चिम बंगाल में इसकी जबर्दस्त डिमांड रहती है। तस्करी करने वाले मेडिकल स्टोर वालों और सप्लायर को भी इसकी एमआरपी से अधिक दाम देते हैं। इसके बावजूद भी बांग्लादेश में इसकी बहुत अधिक डिमांड रहती है।