नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका में हर तरफ भारतीय मूल के लोग छाए हुए हैं। स्टार्टअप क्षेत्र की बात करे तो अमेरिका में यूनिकॉर्न स्टार्टअप स्थापित करने वाले विदेशी मूल के लोगों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं। यह खुलासा ताजा सूची में सामने आया है। दरअसल, अमेरिका में तकरीबन 500 यूनिकॉर्न स्टार्टअप हैं और इनके संस्थापकों और सह-संस्थापकों की संख्या 1,078 है। इनमें करीब आधे ऐसे है, जो विदेशी है। इन संस्थापकों और सह-संस्थापकों में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 90 है। वेंचर कैपिटल इनीशिएटिव के तहत यह जानकारी देने वाली लिस्ट स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर इलया स्ट्रेबुलाएव ने तैयार की है। नई लिस्ट के मुताबिक, अमेरिकी यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स के संस्थापकों और सह-संस्थापकों में करीब 90 का जन्म भारत में हुआ है। इसके बाद इस्राइल का नंबर आता है, जहां जन्मे 52 लोग अमेरिका में यूनिकॉर्न स्टार्टअप स्थापित करने वालों में शामिल हैं। भारत और इस्राइल के बाद तीसरे नंबर पर कनाडा है, जहां जन्मे 52 लोगों के बनाए स्टार्टअप अमेरिक में यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल कर चुके हैं। इसके बाद ब्रिटेन (31), चीन (27), जर्मनी (18) और फ्रांस (17) का नंबर आता है।
एशिया में भारत अव्वल
महाद्वीपों के हिसाब से सूचीबद्ध करने पर एशिया में भारत (90) सबसे आगे हैं। इसके बाद इस्राइल (52), चीन (27) और ताइवान (12) टॉप पर हैं। वहीं, यूरोप में ब्रिटेन (31), जर्मनी (18), फ्रांस (17), रूस (13), यूक्रेन (12) और आयरलैंड (10) में सबसे ज्यादा अमेरिकी यूनिकॉर्न स्टार्टअप संस्थापकों का जन्म हुआ है।
अफ्रीका सबसे पिछड़ा
कोई भी अफ्रीकी देश ऐसा नहीं जिसने 10 का आंकड़ा पार किया है। इनमें सबसे आगे दक्षिण अफ्रीका (05) है। ब्राजील में जन्म लेने वाले नौ लोग अमेरिका में यूनिकॉर्न स्टार्टअप के संस्थापकों और सह-संस्थापकों में शामिल हैं।
नवाचार में आव्रजकों का अहम योगदान…प्रोफेसर इलया स्ट्रेबुलाएव ने यह लिस्ट साझा करने के साथ लिखा, आव्रजक अमेरिका में नवाचार के लिहाज से बेहद अहम हैं। शोध दर्शाता है कि अमेरिका के अलावा कम से कम 65 ऐसे देश हैं, जहां जन्मे प्रवासी अमेरिका में कोई न कोई यूनिकॉर्न स्टार्टअप संचालित कर रहे हैं।