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29 Apr 2025, Tue

जिस नदी पर भड़कता है भारत, उसपर चीन से 50 साल का प्लान मांग रहा बांग्लादेश

ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने चीन से अपने देश के जल प्रबंधन और नदी तंत्र को व्यवस्थित करने के लिए 50 वर्षीय मास्टरप्लान तैयार करने का अनुरोध किया है। बांग्लादेश सरकार के इस फैसले ने क्षेत्रीय भू-राजनीतिक समीकरणों में नई हलचल पैदा कर दी है। खासकर भारत के लिए जो इस क्षेत्र में जल सुरक्षा को लेकर पहले से ही सतर्क है।
ब्रह्मपुत्र नदी, जो तिब्बत (चीन), भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है। लंबे समय से चीन की जल परियोजनाओं का केंद्र रही है। हाल के सालों में चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़े पैमाने पर जलविद्युत और जल संसाधन परियोजनाएं शुरू की हैं, जिससे भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए चिंता बढ़ गई है।
भारत विशेष रूप से इस बात को लेकर चिंतित है कि चीन द्वारा ब्रह्मपुत्र पर बनाए जा रहे बांध और जलविद्युत परियोजनाएं भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में जल प्रवाह और पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं। चीन द्वारा नियंत्रित जल प्रवाह बांग्लादेश तक पहुंचने से पहले भारत के असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों पर प्रभाव डाल सकता है।
भारत की बढ़ सकती है चिंता
बांग्लादेश ने चीन से जो 50 वर्षीय जल प्रबंधन मास्टरप्लान मांगा है। वह भारत के लिए रणनीतिक चिंता का विषय बन सकता है। चीन पहले से ही बांग्लादेश में कई इंफ्रास्ट्रक्चर और जल परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, जिससे उसकी इस क्षेत्र में पकड़ मजबूत होती जा रही है। यदि चीन बांग्लादेश के जल संसाधन प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाता है, तो इससे भारत की जल कूटनीति और रणनीतिक हितों पर असर पड़ सकता है। भारत-बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर पहले ही मतभेद रहे हैं, और चीन की बढ़ती भागीदारी से यह मुद्दा और जटिल हो सकता है। यदि बांग्लादेश चीन पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, तो इससे भारत और बांग्लादेश के बीच जल समझौतों पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि भारत अभी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

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