ढाका, एजेंसी। भारत का पड़ोसी देश बांग्लादेश में जहां इस समय एक तरफ शेख हसीना की आर्मी हल्ला बोल कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ देश को एक और मुसीबत की मार झेलनी पड़ रही है। राजधानी ढाका में जहरीली हवा का स्तर बढ़ता जा रहा है और प्रदूषण ने लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
सिटी की वायु गुणवत्ता और प्रदूषण रैंकिंग के अनुसार, ढाका की हवा को “अस्वस्थ” बताया गया है। ढाका आज सुबह 9:05 बजे 173 के AQI सूचकांक के साथ सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की सूची में टॉप पर था। AQI की बात करें तो 151 और 200 के बीच के AQI को “अस्वस्थ” माना जाता है, जबकि 201-300 को “बहुत अनहेल्दी” और 301-400 को “खतरनाक” माना जाता है, जो लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।
AQI रिपोर्ट की बात करें तो जहां बांग्लादेश सबसे ज्यादा जहरीली हवा के साथ पहले नंबर पर है। वहीं, भारत इस में दूसरे नंबर पर है। राजधानी दिल्ली 149 एक्यूआई के साथ लिस्ट में दूसरे नंबर पर बना हुआ है। वियतनाम का हनोई 147 के साथ तीसरे और नेपाल का काठमांडू 125 एक्यूआई के साथ तीसरे नंबर पर है। ढाका लंबे समय से वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा है। इसकी वायु गुणवत्ता आमतौर पर सर्दियों में अस्वास्थ हो जाती है और मानसून के दौरान इसमें सुधार होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, वायु प्रदूषण से हर साल दुनिया भर में अनुमानित 7 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है, जिसकी सबसे बड़ी वजह स्ट्रोक, हार्ट की बीमारी, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, फेफड़ों के कैंसर मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है। स्विस-आधारित IQAir की साल 2024 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के अनुसार, चाड और बांग्लादेश 2024 में सबसे प्रदूषित देशों के रूप में लिस्ट में सबसे ऊपर रहे। वहीं, राजधानी दिल्ली सबसे प्रदूषित राजधानी थी। रिपोर्ट के हिसाब से दुनिया भर में सिर्फ सात देश ही डब्ल्यूएचओ के वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों को पूरा करते हैं।
विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2024 के अनुसार, 100 सबसे प्रदूषित शहरों और कस्बों में से 74 भारत में हैं, जो पिछले साल 83 थे। सर्वाधिक प्रदूषित शहर होने के बावजूद भी इस लिस्ट में भारत पांचवें स्थान पर था। लिस्ट में भारत का नंबर चाड, बांग्लादेश, पाकिस्तान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के बाद था। IQAir ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बहामास, बारबाडोस, ग्रेनाडा, एस्टोनिया और आइसलैंड WHO के वार्षिक वायु गुणवत्ता स्तर के स्टैंड्रड पर है।