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31 Jul 2025, Thu

ऑपरेशन सिंदूर से निर्णायक जीत हासिल की… कारगिल विजय दिवस पर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बड़ा बयान

नई दिल्ली, एजेंसी। देश इस साल 26 वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है, जो भारत के इतिहास में गौरव का प्रतीक बन चुका है। आज देश में विजय दिवस के मौके पर आज जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए ा रहे हैं। इस बीच थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 26वें कारगिल विजय दिवस समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम उन नायकों के ऋणी हैं, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
उन्होंने कहा कि भारत ने कई बार स्पष्ट कर दिया कि उसकी सीमाओं के भीतर किसी नापाक इरादे को सफलता नहीं मिलेगी। वीर जवानों के रहते हुए भारत की एकता और अखंडता पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने हाल ही में एक निर्णायक जीत हासिल की है।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से सेना को खुली छूट दिए जाने के बाद भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हमने पाकिस्तान में 9 महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट कर दिया, बिना किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाए।
कारगिल विजय दिवस हमारे लिए वचन- सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास में संबोधित करते हुए कहा कि आज चौथी बार कारगिल दिवस में सम्मिलित हुआ हूं। पिछले साल हमने रजत जयंती समारोह आयोजित की थी, जिसमें पीएम मोदी मौजूद थे। आज भी राज्य रक्षा मंत्री और अन्य अतिथिगण यहां मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने तय किया कि इस बार का युद्ध निर्णायक होगा। ऑपरेशन सिंदूर में हमने आतंकियों के 9 ठिकानों पर सटीक हमला किया। हमने इस ऑपरेशन के दौरान किसी भी आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया था। पूरा देश ऑपरेशन सिंदूर के साथ था। ऑपरेशन सिंदूर हमारा संकल्प है, संदेश भी और उत्तर भी। दुश्मन की चुनौतियों का उत्तर हमेशा ऐसे ही सटीक होगा। स्पेशल फोर्सेज गठन किया और शक्तिमान रेजिमेंट बनाई गई हैं। आर्मी एयर डिफेंस सिस्टम को स्वदेशी हथियार से लैस किया जा रहा है।
कारगिल विजय दिवस सैन्य नहीं बल्कि देश का उत्सव- उपेंद्र द्विवेदी
सेना प्रमुख ने कहा कि लद्दाख में सेना रक्षा कर रही है। सड़क, पुल, इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। मोबाइल नेटवर्क को लगातार बढ़ाया जा रहा है। कारगिल विजय दिवस हमारे लिए वचन है हम सजग हैं। यह दर्शाता है कि कारगिल विजय दिवस केवल एक सैन्य आयोजन नहीं है। बल्कि पूरे देश का उत्सव है। इस दौरान उन्होंने दो लाइने भी पढ़ी कहा “जो खामोश खड़े थे बर्फीली चोटियों पर, उनकी दुआ से ही महफूज है ये वतन” सेना प्रमुख ने कहा कि आज हम तोता लिंग, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 की ऊंचाइयों के नीचे खड़े हैं। हम आज केवल उस युद्ध को याद नहीं कर रहे हैं। हम उस भावना को याद कर रहे हैं जो उन रणबांकुरों ने दिखायी थी। हमें याद हैं वह दृढ़ संकल्प जो उनकी आंखों में था। उन्होंने हर कठिनाई को मात दी है। हम आज श्रद्धापूर्वक उन सभी बहादुर नायकों को नमन करते हैं, जिन्होंने मृत्यु को गले लगाया था ताकि हम गरिमा और चैन की जिंदगी जी सकें।

By Aryavartkranti Bureau

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