नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी यासीन मलिक के खिलाफ चल रहे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू -कश्मीर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहा है कि वह यासीन के खिलाफ दो मामलों की सुनवाई कर रही जम्मू की विशेष अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की उचित सुविधा करें। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने रुबिया अपहरण केस और वायु सेना अधिकारी हत्या मामले में चल रही सुनवाई के दौरान आदेश दिया।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को तिहाड़ जेल में भी उचित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। पीठ ने दोनों उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रारों को 18 फरवरी को अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। साथ ही सीबीआई की याचिका पर सुनवाई 21 फरवरी को तय की है।
सीबीआई ने किया था विरोध
शीर्ष अदालत जम्मू ट्रायल कोर्ट के 20 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे मलिक को निर्देश दिया गया था कि उन्हें राजनेता मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करने के लिए शारीरिक रूप से पेश किया जाए।
इस मामले में सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि तिहाड़ जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई करने की सुविधा पहले से उपलब्ध है। मलिक को अदालत ले जाने की जरूरत नहीं है। तिहाड़ जेल में कोर्ट लगता है, इससे पहले भी कई मामले की सुनवाई होती रही है। सीबीआई ने अपनी याचिका में कहा था कि दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद मलिक को सुरक्षा कारणों से जम्मू नहीं ले जाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में ही जम्मू कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। मलिक तिहाड़ जेल में बंद है।
यासीन मलिक के मामलों की सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाए: Supreme Court
