लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहराइच में बीते दिनों हुई साम्प्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ सरकार के कुछ नेता हिंसा में शामिल थे और ऐसा जर्मनी के तानाशाह हिटलर के जमाने में होता था जब पुलिस को हटाकर दंगाइयों को हिंसा करने की खुली छूट दी जाती थी। यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बहराइच हिंसा का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ते हुए कहा, “बहराइच में दंगा करने का काम अगर किसी ने किया तो वे भाजपा के नेता थे। पार्टी के विधायक अपनी ही कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज कर रहे हैं और उसमें दंगे की साजिश की धाराएं शामिल हैं।” उन्होंने मीडिया में जारी एक खबर का जिक्र करते हुए कहा, “एक वीडियो भी वायरल हुआ है और मैं बधाई देना चाहता हूं उस पत्रकार को जिसने हिम्मत जुटाकर छुपे हुए कैमरे के वीडियो से जानकारी हासिल की।
पुलिस प्रशासन मौके पर कई घंटों तक मौजूद ही नहीं था और उन्हें (दंगाइयों को) खुली छूट दी गई थी।” सपा प्रमुख ने कहा, “इसी तरह से हिटलर काम करता था। हिटलर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस की वर्दी पहनकर आगे कर देता था। हिटलर के जमाने में यह होता था कि पुलिस को हटा दो और दंगा होने दो।” उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना इसलिये करायी गयी क्योंकि भाजपा के लोग घबरा गए हैं। उनके पास महंगाई और बेरोजगारी का कोई जवाब नहीं है। वह आरक्षण छीन रही है। वह संविधान के तहत व्यवस्था को नहीं लागू होने देना चाहती। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने प्रदेश की नौ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में गड़बड़ी के लिये प्रशासनिक तंत्र के दुरूपयोग का आरोप लगाते हुए कहा, “पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) परिवार के लोग सब एकजुट हो गए हैं।”
यादव ने कहा, “प्रदेश में कानून व्यवस्था इस हद तक बिगड़ गई है कि पुलिस के साथ ही घटनायें हो रही हैं। कानपुर में महिला कांस्टेबल से दुष्कर्म की बात हो या फिर पुलिसकर्मी के पास से 25 लाख रुपये की जब्ती। यह केवल एक जिले में नहीं बल्कि हर जिले में यही स्थिति है।” उच्चतम न्यायालय द्वारा बहराइच में बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगाई जाने के बारे में पूछे जाने पर सपा प्रमुख ने कहा, “देखिए उच्चतम न्यायालय या जनता की अदालत जब तक भाजपा को नहीं हटाएगी तब तक न्याय नहीं मिलेगा।