पटना। बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अपने बूथ लेवल कर्मचारियों (blo) की वेतन बढ़ा दी है। चुनाव आयोग ने कर्मचारियों का वेतनमान दोगुना कर दिया है, जिन कर्मचारियों को 6000 रुपये मिलते थे, अब यह राशि दोगुनी होकर 12000 रुपये कर दी गई है। इसके अलावा बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि कर दी गई है। निर्वाचन आयोग की तरफ से इस संबंध में जानकारी भी उपलब्ध करा दी गई है।
निर्वाचन आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार आयोग ने बीएलओ के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना किया है। इसके अलावा मतदाता सूचियों की तैयारी एवं पुनरीक्षण में शामिल बीएलओ पर्यवेक्षकों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
आयोग की तरफ से जानकारी दी गई है कि 10 साल पहले 2015 में ऐसा संशोधन किया गया है। साथ ही साथ पहली बार इआरओ यानी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और एईआरओ यानी सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के लिए मानदेय प्रदान किया गया है।
चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया कि बूथ लेवल अधिकारी यानी बीएलओ को अब तक केवल 6 हजार रुपये महीने का वेतन दिया जा रहा था। इसमें बदलाव करते हुए बीएलओ की वेतन 12000 रुपये की जाती है। इसके साथ ही जो बीएलओ मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) में लगे हुए हैं उनको 1 हजार रुपये के बदले 2 हजार रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
इलेक्शन कमीशन ने बीएलओ पर्यवेक्षक की भी सैलरी बढ़ा दी है। अब तक 12 हजार रुपए मिल रहे थे जिसे संशोधित कर दिया गया है। अब उन्हें 18000 रुपए मिलेंगे। ईआरओ को 25 हजार रुपए जबकि एईआरओ को 30 हजार रुपए मिलेंगे। इन दोनों को ही अब तक कुछ भी नहीं मिल रहा था।
इलेक्शन कमीशन ने इस बात की भी जानकारी दी है कि बिहार से शुरू होने वाले विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए बीएलओ हेतु 6000 रुपए के विशेष प्रोत्साहन को मंजूरी दी थी। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची मशीनरी जिसमें निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रेशन अधिकारी, बीएलओ पर्यवेक्षक और बूथ लेवल अधिकारी शामिल है। जो कड़ी मेहनत करते हैं। यह सभी निष्पक्ष और पारदर्शी मतदाता सचिया तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसलिए आयोग ने इन सभी के वार्षिक पारिश्रमिक को दोगुना करने का निर्णय लिया है।