जालंधर, एजेंसी। पंजाब में सक्रिय 32 किसान संगठनों में इन दिनों धान की खरीद न होने के मुद्दे को लेकर राजनीति जोरों पर है। एकता न होने से किसान नेता आए दिन नेशनल हाईवे जाम कर रहे हैं। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) से जुड़े राजेवाल गुट ने राज्य भर में सुबह 11 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक हाईवे पर धरना दिया।
लंबा जाम लगने से लोग परेशान होते रहे। पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट भी किया, लेकिन फिर भी कई जगह दो से तीन किलोमीटर लंबी वाहनों की कतारें लगी रहीं। लोग ‘हठताल’ पर अड़े किसानों को कोसते रहे। जालंधर में एक डाक्टर ने किसानों के पैरों में पड़कर रास्ता भी मांगा, लेकिन वे नहीं माने। जालंधर में एक एंबुलेंस भी जाम में फंस गई। पहले तो किसानों ने रास्ता नहीं दिया, लेकिन जब मरीज की हालत बिगड़ी तो आनन-फानन में रास्ता दिया गया।
एक शव वाहन को भी अंतिम संस्कार के लिए नहीं जाने दिया गया। जालंधर जिले के भोगपुर और होशियारपुर जिले के दसूहा में किसानों ने जालंधर-जम्मू और होशियारपुर-जम्मू नेशनल हाईवे पर धरना तीन बजे के बाद भी नहीं हटाया। पुलिस व प्रशासन के प्रयास से भोगपुर में किसानों ने शाम छह बजे और दसूहा में रात दस बजे रास्ता खोला। जाम में फंसे लोग किसानों को कोसते रहे। राजेवाल गुट ने जालंधर, लुधियाना, अमृतसर, तरनतारन, बठिंडा, पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, फाजिल्का, रूपनगर, मुक्तसर, पटियाला, संगरूर, कपूरथला, फिरोजपुर, मोगा और नवांशहर में हाईवे पर धरना दिया।
अन्नदाता के आगे झुके ‘भगवान’
जालंधर के परागपुर में नेशनल हाईवे पर ‘धरती का भगवान’ कहा जाने वाला डॉक्टर अन्नदाता किसानों के आगे यूं पैरों में पड़ा रहा, पर किसान नहीं माने। मथुरा से आए डॉक्टर ने कहा कि ऐसे परेशान करना ठीक नहीं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सरवण सिंह पंधेर ने शनिवार को फगवाड़ा, मोगा, बटाला व संगरूर में हाईवे पर धरना देने की घोषणा कर रखी है। यह मोर्चा पहले से ही सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर फरवरी से अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे के शंभू क्षेत्र में धरने पर बैठा हुआ है।