वॉशिंगटन, एजेंसी। भारत में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान के बाद सियासी गलियारों में घमासान छिड़ गया है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका की यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) ने लोकसभा चुनाव में वोटर टर्नआउट को बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपये) की फंडिंग की है।
डोनाल्ड ट्रंप ने इस जानकारी के सामने आने के बाद कई सवाल उठाए हैं कि भारत में मतदान बढ़ाने के लिए इस फंडिंग की जरूरत क्यों पड़ी और क्या इसके जरिए पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन किसी और को चुनाव जिताने की कोशिश कर रहे थे? इसी के बाद से जहां भारत में भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच बहस छिड़ गई है वहीं, इसी बीच USAID की पूर्व भारतीय डायरेक्टर वीना रेड्डी भी सुर्खियों में आ गई हैं।
सुर्खियों में वीना रेड्डी?
बीजेपी के सांसद महेश जेठमलानी ने इस फंडिंग में वीना रेड्डी की भूमिका पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं दरअसल, अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने हाल ही में USAID को लेकर यह खुलासा किया था इसी के बाद बीजेपी सांसद ने कहा, तो, DOGE ने पाया है कि USAID ने भारत में ‘वोटर टर्नआउट’ के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की वीना रेड्डी को 2021 में USAID के भारतीय मिशन के प्रमुख के रूप में भारत भेजा गया था लोकसभा चुनाव 2024 के बाद (उनका मतदाता मतदान मिशन पूरा हो गया), वह अमेरिका लौट गईं। अफसोस की बात है कि इससे पहले की यहां पर एजेंसियां उन से कुछ सवाल पूछ सकती थीं कि यह पैसा मतदान अभियानों में लगाने के लिए किसे दिया गया था, वो वापस अमेरिका चली गईं।
कौन हैं वीना रेड्डी?
इस समय सुर्खियों में बनी वीना रेड्डी एक अमेरिकी डिप्लोमेट हैं जो 5 अगस्त, 2021 को यूएसएआईडी के भारत के ऑफिस में शामिल हुईं। वीना रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश में हुआ।
वीना रेड्डी अमेरिकी वरिष्ठ विदेश सेवा की कैरियर सदस्य हैं और उन्होंने भारत और भूटान में यूएसएआईडी के लिए मिशन डायरेक्टर के रूप में भी काम किया है। साथ ही वह भारत और भूटान में यूएसएआईडी को लीड करने वाली पहली भारतीय- अमेरिकी महिला थीं।
कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वीना रेड्डी USAID के चलते भारत में ही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के एक महीने के बाद 17 जुलाई 2024 को वो वापस अमेरिका चली गई थीं। उनके लोकसभा चुनाव के फौरन बाद अमेरिका वापस चले जाने को लेकर ही सवाल उठाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान में भी किया काम
भारत में काम करने से पहले, रेड्डी ने यूएसएआईडी के अंदर कई पदों पर काम किया, वो कंबोडिया में मिशन डायरेक्टर रहीं, जहां उन्होंने खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल संरक्षण, लोकतंत्र और शासन में कार्यक्रमों की देखरेख की। उन्होंने सेंट्रल अमेरिका और पाकिस्तान में भी USAID की मिशन डायरेक्टर की जिम्मेदारी संभाली।
इसी के साथ उन्होंने हैती में भूकंप के बाद के पुनर्निर्माण की कोशिश और आर्थिक विकास के मैनेजमेंट के लिए डिप्टी मिशन डायरेक्टर के रूप में भी काम किया। साथ ही रेड्डी ने अमेरिकी सरकार के लिए एक विदेशी सेवा अधिकारी के रूप में काम करने से पहले न्यूयॉर्क, लंदन और लॉस एंजिल्स में एक कॉर्पोरेट वकील के रूप में भी काम किया था।
वीना रेड्डी ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से एक ज्यूरिस डॉक्टर की डिग्री हासिल की। साथ ही उन्होंने शिकागो यूनिवर्सिटी से आर्ट्स में ग्रेजुएशन और मास्टर्स की।
भारत में क्या-क्या काम किया?
भारत में अपने तीन साल के कार्यकाल में उन्होंने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया। उन्होंने एजुकेशन से लेकर हेल्थ, डेमोक्रेसी, सोशल सर्विस समेत कई क्षेत्रों में काम किया। दिल्ली में कार्यरत के दौरान उन्होंने कई फ्रेश एग्रीमेंट साइन किए। नई दिल्ली में रेड्डी के कार्यकाल के दौरान, भारत रेलवे, पावर मंत्रालय, नीति आयोग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, अटल इनोवेशन मिशन और सहित कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए या यूएसएआईडी-फंडिंड प्रोग्राम लागू किए गए। इसी के साथ वीना रेड्डी कई उच्च-स्तरीय सरकारी कार्यक्रमों में भी शामिल हुईं और नवंबर 2023 में विश्व शौचालय दिवस कार्यक्रम में स्पीकर की जिम्मेदारी संभाली।
भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए फंडिंग…कौन हैं यूएसएड की वीना रेड्डी, जिनकी भूमिका पर उठे सवाल
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