लेटेस्ट न्यूज़
21 Nov 2025, Fri

भारत-जर्मनी रणनीतिक साझेदारी के 25 साल, रक्षा सहयोग मजबूत करने पर जोर

नई दिल्ली, एजेंसी। नई दिल्ली में बीते दिन मंगलवार को भारत-जर्मनी हाई डिफेंस कमेटी की अहम बैठक हुई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और जर्मनी के रक्षा मंत्रालय के स्टेट सेक्रेटरी जेंस प्लोट्नर ने की। इसमें दोनों देशों ने सुरक्षा और रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में रक्षा उपकरणों के को-डेवलपमेंट और को-प्रोडक्शन को बढ़ाने, सैन्य सहयोग को मजबूत करने और भविष्य में संयुक्त सैन्य अभ्यास बढ़ाने पर जोर दिया गया। जर्मनी ने पुष्टि की कि वह 2026 में होने वाले तरंग शक्ति (बहुराष्ट्रीय वायु युद्ध अभ्यास) और मिलन (बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास) में हिस्सा लेगा। विशेषज्ञों की मानें तो इन अभ्यासों से जर्मनी की भागीदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक संतुलन और सहयोग को भी गहरा करेगी।
जर्मनी ने की भारत की तारीफ
भारत ने जर्मन प्रतिनिधिमंडल को बताया कि वह हिंद महासागर क्षेत्र में फर्स्ट रिस्पॉन्डर और नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर की भूमिका निभाता है। भारत की क्षेत्रीय नीति उसके विजन महासागर Mutual and Holistic Advancement of Security and Growth Across Regions पर आधारित है।
भारत कई समुद्री देशों के साथ रक्षा, क्षमता निर्माण और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। जर्मनी ने भी इंडियन ओशन रीजन में भारत की भूमिका की सराहना की। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आधुनिक युद्धक जरूरतों को देखते हुए उन्नत तकनीक और संयुक्त उत्पादन ही भविष्य का रास्ता है।
सैन्य प्रणाली होगी विकसित
दोनों देशों ने रक्षा उद्योगों को एक-दूसरे से जोड़ने और खास तौर पर निच तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई। भारत और जर्मनी इस साल अपनी रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे कर रहे हैं। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में बढ़ता सहयोग इस लंबे भरोसेमंद रिश्ते की मजबूती को दिखाता है। यह सहयोग भारत-जर्मनी रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा तथा उच्च तकनीक आधारित सैन्य प्रणाली विकसित करने में मदद करेगा।

By Aryavartkranti Bureau

आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने की प्रेरणा और सकारात्मकता का प्रतीक हैं।