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1 Aug 2025, Fri

चीन के भरोसे भारत के किसान, 2 महीने में इंपोर्ट की इतनी खाद

भारत ने चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक चीन से 8.47 लाख टन डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक का आयात किया है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इस अवधि के दौरान भारत का कुल डीएपी आयात 44.19 लाख टन रहा है। इसमें चीन का हिस्सा 19.17 प्रतिशत बैठता है।
उर्वरक के तौर पर होता है यूज
पिछले वित्त वर्ष में भारत के कुल 55.67 लाख टन के डीएपी आयात में चीन का योगदान 22.28 लाख टन था। यूरिया के बाद डीएपी भारत में दूसरा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है। देश रूस, सऊदी अरब, मोरक्को और जॉर्डन से भी डीएपी का आयात करता है। इनका आयात तैयार उर्वरक और रॉक फॉस्फेट और मध्यवर्ती रसायनों जैसे कच्चे माल दोनों में किया जाता है।
चालू रबी सत्र के लिए डीएपी उर्वरकों की घरेलू उपलब्धता 52 लाख टन की अनुमानित आवश्यकता को पार कर गई है। इसमें 48 लाख टन डीएपी पहले ही बेचा जा चुका है। 11 मार्च तक भारत के पास 9.43 लाख टन का डीएपी का भंडार था।
एल्युमीनियम फॉय पर बढ़ाया टैक्स
भारत ने घरेलू कंपनियों को चीन से आने वाले सस्ते आयात से बचाने के लिए इस महीने वैक्यूम फ्लास्क और एल्युमीनियम फॉयल सहित पड़ोसी देश के चार उत्पादों पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया है। ये शुल्क इसलिए लगाए गए, क्योंकि ये उत्पाद सामान्य से कम कीमतों पर चीन से भारत को निर्यात किए जा रहे थे। इन उत्पादों में सॉफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क, एल्युमीनियम फॉयल और ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड शामिल हैं।
5 साल तक जारी रहेगा टैक्स
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने अलग-अलग अधिसूचनाओं में कहा कि सॉफ्ट फेराइट कोर, वैक्यूम इंसुलेटेड फ्लास्क और ट्राइक्लोरो आइसोसायन्यूरिक एसिड के आयात पर पांच साल के लिए शुल्क लगाया जाएगा। एल्युमीनियम फॉयल पर छह महीने के लिए अस्थायी रूप से 873 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग रोधी शुल्क लगाया गया। ये शुल्क वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर (व्यापार उपचार महानिदेशालय) की सिफारिशों के बाद लगाए गए हैं।

By Aryavartkranti Bureau

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