तेहरान। ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर ग्रहण लगता दिख रहा है। एक तरफ जहां अमेरिका और इजराइल ईरान से यूरेनियम संवर्धन शून्य करने के लिए दबाव बना रहा है। वहीं दूसरी तरफ रूस ने भी उसे ऐसा ही करने के लिए कहा है। रूस का कहना है कि ईरान के लिए इससे बेहतर ऑप्शन नहीं है।
न्यूज आउटलेट एक्सियोस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि व्लादिमीर पुतिन ने ईरान को यूरेनियम को लेकर शून्य संवर्धन का संदेश भेज दिया है। रूस का कहना है कि इस वक्त इससे बेहतर विकल्प नहीं है, इसलिए अमेरिका के कहने पर तुरंत परमाणु डील कर लें। हालांकि रूस के विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह रिपोर्ट सही नहीं है। हम पूरे विवाद को कूटनीतिक तौर पर सुलझाने की कवायद पर जोर दे रहे हैं।
जून में 12 दिनों के जंग में अमेरिका ने ईरान के 3 न्यूक्लियर ठिकानों पर बी-2 बम बरसाए थे। इसके बावजूद ईरान ने न्यूक्लियर संवर्धन का काम जारी रखने की घोषणा कर दी। ईरान का कहना है कि उसके वैज्ञानिक भले मार दिए गए। उसके यूरेनियम को भले बर्बाद कर दिए गए लेकिन उसका परमाणु कार्यक्रम नहीं रुकेगा। अमेरिका ने ईरान से वार्ता की मेज पर वापस आने के लिए कहा है। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो को इसके लिए चुना गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्टीव विटकॉफ को वार्ताकार नियुक्ति किया है। ईरान की तरफ से अब्बास अराघाची बैठक में मौजूद रह सकते हैं।
अमेरिका और ईरान के बीच बैठक से पहले रूस ने यूटर्न ले लिया है। इसे ईरान के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। ईरान का कहना है वो परमाणु तो नहीं बनाएगा, लेकिन यूरेनियम संवर्धन को भी शून्य नहीं करेगा। ऐसे में रूस ने जिस तरीके से यूटर्न ले लिया है। वो ईरान के लिए झटका है, क्यों? इसे डिटेल में जानते हैं-
1। रूस ईरान का सबसे बड़ा सहयोगी है। रूस जब यूक्रेन युद्ध में फंसा तो ईरान ने उसे शाहेद ड्रोन दिया, जो सबसे घातक माना जाता है। दोनों मुल्कों के बीच में रक्षा को लेकर कई अहम समझौते हुए हैं। ईरान के परमाणु हथियार को लेकर रूस हमेशा समर्थन में रहा है।
2। रूस के वैज्ञानिक ईरान को यूरेनियम संवर्धन को लेकर मदद कर रहे थे। यह खुलासा तब हुआ था, जब इजराइल ने ईरान पर अटैक किया। उस वक्त व्लादिमीर पुतिन ने बयान जारी कर कहा कि ईरान के न्यूक्लियर प्लांट में हमारे लोग हैं। उन्हें हम सुरक्षित निकाल रहे हैं।