बंगलूरू, एजेंसी। कर्नाटक के आईटी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा है कि राज्य सरकार ईवीएम और वीवीपैट की पूरी प्रक्रिया की पारदर्शी जांच कराने के लिए तैयार है। इसके लिए न्यायपालिका और उद्योग जगत की निगरानी में यह काम किया जाएगा। प्रियांक खरगे ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पत्र साझा किया, जो उन्होंने 6 सितंबर को चुनाव आयोग (ईसीआई) को भेजा था। इसमें उन्होंने याद दिलाया कि 3 दिसंबर 2024 को भी उन्होंने इसी मुद्दे पर आयोग को पत्र लिखा था।
ईवीएम को लेकर उत्पन्न शंकाओं को दूर करने का सुझाव
अपने पत्र में प्रियांक खरगे ने कहा कि ईवीएम के कामकाज और प्रक्रियाओं में कुछ खामियों को लेकर सवाल उठते रहे हैं। उन्होंने इन शंकाओं को दूर करने के लिए एक कोर्ट-निगरानी में नैतिक हैकाथॉन और ऑडिट कराने का सुझाव दिया है, जिसमें राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी।
कर्नाटक में पारदर्शी जांच की जा सकती है- खरगे
प्रियांक खरगे ने कहा, ‘कर्नाटक में मजबूत तकनीकी और शोध संसाधन मौजूद हैं। यहां एक पारदर्शी जांच की जा सकती है, जिससे ईवीएम प्रणाली की गहराई से जांच हो और चुनावी प्रक्रिया पर जनता का भरोसा बढ़े।’ उन्होंने यह भी बताया कि मंत्री रहते हुए कई बार उन्होंने चुनाव आयोग को इस तरह के सुझाव दिए हैं। उनका उद्देश्य सिर्फ चुनावी प्रणाली को मजबूत करना और जनता का विश्वास बढ़ाना है।
‘पारदर्शिता के लिए ऐसे कदम उठाना बेहद जरूरी’
उन्होंने महादेवपुरा (बंगलूरू) में गड़बड़ियों, पानीपत (हरियाणा) में ईवीएम की दोबारा गिनती और आलंद (कलबुर्गी) में मतदाता नाम कटने की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इन मामलों ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। प्रियांक खरगे ने पोस्ट में लिखा, ‘अब चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह इन संदेहों को दूर करे और हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता को सुरक्षित रखे।’
कर्नाटक ईवीएम और वीवीपैट के पारदर्शी मूल्यांकन के लिए तैयार, प्रियांक खड़गे ने चुनाव आयोग को फिर लिखा पत्र
