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21 Dec 2025, Sun

भारत के निर्माण में सार्थक योगदान दें… संविधान दिवस पर पीएम मोदी का देशवासियों को पत्र

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस (26 नवम्बर) के मौके पर देशवासियों को पत्र लिखा है। उन्होंने 1949 में संविधान के ऐतिहासिक अंगीकरण का स्मरण करते हुए इसकी राष्ट्र की प्रगति में मार्गदर्शक भूमिका को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2015 में सरकार ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस घोषित किया था, इससे इस पवित्र दस्तावेज़ का सम्मान किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने लिखा कि कैसे संविधान ने समान्य पृष्ठभूमि के लोगों को देश की सर्वोच्च सेवाओं में योगदान करने का सामर्थ्य दिया है। उन्होंने खुद संसद और संविधान के प्रति श्रद्धा के अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने 2014 में संसद की सीढ़ियों पर नमन करना और 2019 में संविधान को अपने माथे पर रखना, यह सब उनकी श्रद्धा का प्रतीक रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान ने अनगिनत नागरिकों को सपने देखने और उन्हें साकार करने की शक्ति दी है। प्रधानमंत्री ने संविधान सभा के सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की। विशेष रूप से डॉ। राजेंद्र प्रसाद, डॉ। बाबासाहेब आंबेडकर जैसे महान शख्सियत व कई विशिष्ट महिला सदस्यों को याद किया, जिनकी दृष्टि से संविधान समृद्ध हुआ। उन्होंने गुजरात में संविधान गौरव यात्रा, संसद का विशेष सत्र और 75वीं वर्षगांठ पर देशव्यापी कार्यक्रमों का भी जिक्र किया। इन कार्यक्रमों में जनता ने रिकॉर्ड भागीदारी दिखाई। इस साल का संविधान दिवस खास है क्योंकि यह सरदार वल्लभभाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ और श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ के साथ संयोग से आया है। प्रधानमंत्री ने लिखा कि ये महान विभूतियां और महत्वपूर्ण पड़ाव हमें संविधान के अनुच्छेद 51A में निहित हमारे कर्तव्यों की प्राथमिकता का स्मरण कराते हैं। उन्होंने महात्मा गांधी के विचार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अधिकार कर्तव्यों के पालन से मिलते हैं और सामाजिक व आर्थिक प्रगति की नींव कर्तव्यों का निर्वाहन हैं।
दो दशक बाद हो जाएंगे 100 साल
प्रधानमंत्री मोदी कहा कि इस सदी के 25 साल बीत चुके हैं और दो दशक बाद भारत औपनिवेशिक शासन से 100 साल की आजादी का गौरव मनाएगा। 2049 में संविधान को अंगीकार किए हुए भी 100 साल हो जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज लिए जा रहे फैसले आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगे और विकासशील भारत की दिशा में अपने कर्तव्यों को foremost रखना सभी नागरिकों का दायित्व है। प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए मतदान अधिकार के प्रयोग का आग्रह किया और सुझाव दिया कि स्कूल और कॉलेज संविधान दिवस पर 18 साल के नए मतदाताओं का सम्मान करें। उन्होंने भरोसा जताया कि युवाओं में जिम्मेदारी और गर्व की भावना से लोकतांत्रिक मूल्यों व देश का भविष्य मजबूत होगा।
पत्र के अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आव्हान किया कि वे इस महान राष्ट्र के नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों की पूर्ति का संकल्प फिर से लें और विकसित व सशक्त भारत के निर्माण में सार्थक योगदान दें।

By Aryavartkranti Bureau

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