मुंबई। मराठा आरक्षण आंदोलन नेता मनोज जरांगे ने मुंबई की सड़कों पर कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और आम लोगों को हुई परेशानी के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट से माफी मांगी है। हालांकि, अदालत ने कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने कानून का उल्लंघन किया है, इसलिए उन्हें तुरंत आजाद मैदान खाली करना होगा।
अदालत ने जरांगे और समर्थकों को आज दोपहर तीन बजे तक आजाद मैदान खाली करने के लिए कहा है। अदालत ने चेतावनी दी की अगर वह मैदान खाली नहीं करते हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें कठोर जुर्माना और अवमानना की कार्रवाई भी शामिल है।
जरांगे को आजाद मैदान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति आरती साठे जरांगे की पीठ ने कहा कि वह दोपहर 3 बजे तक पूरी तरह सामान्य स्थिति बहाल करना चाहती है, और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे भी सड़कों पर उतरेंगे। अदालत ने कहा कि जरांगे और उनके समर्थकों ने कानून का उल्लंघन किया है। इसलिए उन्हें बिना अनुमति के आजाद मैदान पर कब्जा करने का कोई अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा, ‘यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति है। हम राज्य सरकार से भी संतुष्ट नहीं हैं। ऐसा लगता है कि सरकार की ओर से भी कुछ चूक हुई है।’
जरांगे की ओर से पेश हुए अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे
जरांगे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश मानेशिंदे ने शहर की सड़कों पर उनके कुछ समर्थकों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी। मानेशिंदे ने कहा कि जरांगे ने पहले दिन से ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसी भी नागरिक को परेशानी न हो। इसके बाद अदालत ने पूछा कि क्या जरांगे और उनके समर्थकों ने आजाद मैदान खाली कर दिया है। पीठ ने कहा, ‘जरांगे और उनके समर्थक उल्लंघनकर्ता हैं और इसलिए उन्हें कोई अधिकार नहीं है। उन्हें तुरंत चले जाना चाहिए, अन्यथा हम कार्रवाई करेंगे। यह पूरी तरह से अवैध है। दोपहर 3 बजे के बाद, हम आजाद मैदान में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देंगे।’
दोपहर तीन बजे मामले में फिर होगी सुनवाई
अदालत ने बताया कि सोमवार को कई प्रदर्शनकारियों ने हाईकोर्ट को घेर लिया था, जिससे न्यायाधीशों के काम में बाधा उत्पन्न हुई थी। पीठ ने कहा, ‘ऐसा नहीं हो सकता कि हाईकोर्ट की घेराबंदी की गई हो और न्यायाधीश को पैदल अदालत जाना पड़े।’ हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार दोपहर तीन बजे के लिए निर्धारित की।
इससे पहले, बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पूरा मुंबई ठप हो गया है। इसके साथ ही अदालत ने माना कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं रहा और प्रदर्शनकारियों ने सभी शर्तों का उल्लंघन किया है। अदालत ने आदेश दिया कि मंगलवार दोपहर तक शहर की सभी सड़कें खाली कर दी जाएं।
प्रदर्शनकारियों को सिर्फ आजाद मैदान में धरना देने की अनुमति थी
न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और गौतम अंकल की खंडपीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को सिर्फ आजाद मैदान में धरना देने की अनुमति थी, लेकिन वे छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, चर्चगेट स्टेशन, मरीन ड्राइव और यहां तक कि हाई कोर्ट के बाहर भी जुट गए।
मुंबई पुलिस ने आजाद मैदान खाली करने का नोटिस जारी किया
दरअसल, मुंबई पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे को नोटिस जारी कर मुंबई का आजाद मैदान खाली करने को कहा है। पुलिस ने यह नोटिस बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में दिया है।
जरांगे ने चौथे दिन जल त्याग करने का किया था एलान
बता दें कि आज जरांगे के आंदोलन का पांचवां दिन है। उन्होंने अनिश्चितकालीन अनशन के चौथे दिन जल त्याग करने का एलान किया, जिसके बाद समर्थकों में काफी आक्रोश भी देखा गया। राज्य के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार जरांगे के आंदोलन को अनदेखा कर रही है।