सिनेमा में फ्रेंचाइजी फिल्मों की कामयाब सीरीज रही ‘मिशन इंपॉसिबल’ की आठवीं कड़ी ‘मिशन इंपॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’ भारत में अमेरिका से हफ्ता भर पहले रिलीज हो रही है। इस सीरीज में अभिनेता टॉम क्रूज जासूस एथन हंट की भूमिका बीते तीन दशकों से निभाते आ रहे हैं। टॉम क्रूज से ही जानते हैं इस फिल्म की खासियतें।
पूरी दुनिया में अब तक करीब 418 अरब रुपये कमा चुकी ‘मिशन इंपॉसिबल’ सीरीज की पिछली सात फिल्में सिनेमा के परदे पर हैरतअंगेज कारनामों और असंभव से दिखने वाले स्टंट दृश्यों का पर्याय बन चुकी है। टॉम क्रूज सीरीज की अब तक की कामयाबी की मुबारकबाद पाते ही खिल उठते हैं। अपना पूरा अनुभव वह बस एक वाक्य में निचोड़ लाते हैं, “हम जो भी करते हैं, कमाल करते हैं!”
साल 1996 में शुरू हुई ‘मिशन इंपॉसिबल’ फिल्म सीरीज की अब आठवीं कड़ी में तमाम पुराने सितारों के साथ कुछ नए चेहरे भी दिखने वाले हैं। तीन दशकों से ज्यादा समय तक, एक किरदार को न सिर्फ निभाना, बल्कि उसे लगातार नई ऊंचाइयों तक ले जाना मामूली बात नहीं है और भी क्रूज मानते हैं कि यह यात्रा अब एक बेजोड़ मुकाम पर पहुंची है। वह कहते हैं, ‘ये फिल्म एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह सब कुछ समेटे हुए है – वो भी, जो हमने पहले सीखा है, और वो भी जो हम अब जाकर समझ पाए हैं। यह फिल्म बहुत शानदार, परतदार है, और जानदार है।’
‘मिशन इंपॉसिबल’ सीरीज की फिल्मों पर अपना ध्यान लगाए रहने वाले तमाम दर्शक जानते हैं कि इस सीरीज की सातवीं और आठवीं फिल्म यानी कि ‘डेड रेकनिंग’ और ‘फाइनल रेकनिंग’ की शूटिंग एक साथ हुई है। इस बारे में जिक्र चलते ही टॉम क्रूज हंसने लगते हैं। वह कहते हैं, ‘वह पूरा दौर ही पागलपन भरा था। हमने ‘फाइनल रेकनिंग’ का एरियल सीक्वेंस शूट करना शुरू कर दिया था, जबकि ‘डेड रेकनिंग’ अभी पूरी भी नहीं हुई थी। लेकिन ये ऐसी मेहनत थी जो हमें करनी ही थी। यह केवल एक किरदार की वापसी नहीं है, यह उसकी आत्मा की यात्रा है। एक ऐसी कहानी जिसे समझने के लिए पिछली सारी फिल्मों का अनुभव होना भी जरूरी है।”
फिल्म ‘मिशन इंपॉसिबल: द फाइनल रेकनिंग’ के ट्रेलर में दो हवाई जहाजों के करतब खूब दिखाए गए हैं। इस दृश्य की शूटिंग यूरोप या अन्य किसी पश्चिमी देश में करना मुश्किल था तो इसके लिए फिल्म की पूरी टीम ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। टॉम के मुताबिक, “ये एरियल सीक्वेंस शूट करना कोई फिल्मी तमाशा नहीं था। हमने इस सीन के लिए हजार से कहीं अधिक उड़ानें भरीं। मैं चूंकि खुद इन विमानों को उड़ाना जानता हूं तो मुझे इनकी हर खासियत और हर कमजोरी की पूरी जानकारी है। मैंने इस सीन की तैयारी के लिए अपने शरीर को खास तौर से तैयार किया। इसका अलग वजन प्रशिक्षण लिया और अलग भोजन रूटीन भी फॉलो किया। जो कुछ भी आप परदे पर देखने जा रहे हैं, वह सब एक बेहद सटीक योजना और बेजोड़ साहस का परिणाम है।”
अब जबकि फिल्म रिलीज के लिए तैयार है और इसकी एडवांस बुकिंग भी शुरू हो चुकी है तो वह अपने प्रशंसकों से क्या कहना चाहते हैं? इस सवाल पर टॉम क्रूज थोड़ा सोचते हैं फिर कहते हैं, “मैं दर्शकों को नहीं बताना चाहता कि उन्हें क्या महसूस करना चाहिए। मेरे लिए दर्शकों के साथ संवाद सबसे जरूरी है। मैं चाहता हूँ कि वे खुद अनुभव करें, खुद कहानी से जुड़ें। मेरी फिल्में ऐसी होती हैं जिन्हें सिर्फ देखा नहीं जाता, उन्हें जिया जाता है।”
मेरी फिल्में सिर्फ देखी नहीं जाती, उन्हें जिया जाता है, हम जो करते हैं, कमाल करते हैं!
