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7 Aug 2025, Thu

यूपी में शिक्षामित्रों को नए साल का तोहफा, मूल विद्यालय वापसी का आदेश जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के लिए नए साल की सौगात देते हुए मूल विद्यालय वापसी से संबंधित शासनादेश जारी किया है। इस फैसले से विशेष रूप से महिला शिक्षामित्रों को दोहरी सुविधा प्राप्त होगी। उन्हें अपने पति के गृह जिले में तैनाती का विकल्प मिलेगा। साथ ही, सभी शिक्षामित्रों को यह निर्णय लेने का अधिकार होगा कि वे अपने वर्तमान विद्यालय में ही सेवाएं देना चाहते हैं या नहीं। प्रदेश के करीब 1.42 लाख शिक्षामित्रों द्वारा इस सुविधा की लंबे समय से मांग की जा रही थी। शासन के इस निर्णय से उन्हें बड़ी राहत मिली है, जिसे शिक्षामित्रों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
महिला शिक्षामित्रों को विशेष लाभ
महिला शिक्षामित्रों को अतिरिक्त लाभ देते हुए उनके लिए निम्न विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।
वर्तमान विद्यालय में बने रहने का विकल्प।
मूल विद्यालय में स्थानांतरित होने का विकल्प।
पति के गृह जिले के ग्राम सभा, पंचायत, या वार्ड में स्थित किसी परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर तैनाती का विकल्प।
जिन शिक्षामित्रों ने अपने वर्तमान विद्यालय में ही सेवाएं देने का निर्णय लिया है, उनके आवेदन पर किसी प्रकार की कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होगी।
शिक्षामित्रों की प्रतिक्रिया
इस आदेश से शिक्षामित्र समुदाय में उत्साह है। वे इसे अपनी मांगों की पूर्ति की दिशा में एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। शिक्षामित्रों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताते हुए सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। शासन का यह निर्णय न केवल शिक्षामित्रों के कामकाज को सरल बनाएगा, बल्कि उनके पारिवारिक जीवन को भी संतुलित करने में मदद करेगा। यह कदम राज्य के शिक्षा तंत्र को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

ट्रांसफर के नियम
जारी आदेश के अनुसार, पुरुष और अविवाहित शिक्षामित्रों को निम्न विकल्प दिए गए हैं।
अपने वर्तमान विद्यालय में बने रहना।
मूल विद्यालय में वापसी।
यदि मूल विद्यालय में पद उपलब्ध न हो, तो संबंधित ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, या वार्ड में स्थित किसी अन्य परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर तैनाती।

By Aryavartkranti Bureau

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